Entertainment : Oppenheimer: 'श्रीकृष्ण' नीतीश भारद्वाज ने 'ओपेनहाइमर' को किया सपोर्ट, ट्रोलर्स को पढ़ा दिया 'गीता' का सार - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

oppenheimer: ‘श्रीकृष्ण’ नीतीश भारद्वाज ने ‘ओपेनहाइमर’ को किया सपोर्ट, ट्रोलर्स को पढ़ा दिया ‘गीता’ का सार

Reporter Khabar Uttarakhand
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हॉलीवुड के निर्देशक और राइटर क्रिस्टोफर नोलन की फिल्म ‘ओपेनहाइमर’ आज कल काफी सुर्ख़ियों में है। फिल्म बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त कमाई कर रही है। ऐसे में फिल्म विवादों के घेरे में भी आ गई है।

सिलियन मर्फी स्टारर फिल्म में एक इंटिमेट सीन के समय ‘भगवद गीता’ पढ़ते हुए दिखाई दे रहे है। जिसकी वजह से भारत में लोग इसका विरोध कर रहे है। ऐसे में अब ‘श्रीकृष्ण’ एक्टर नीतीश भारद्वाज का इस मामलें में रिएक्शन सामने आया है।

मीडिया से बातचीत के दौरान कहा ये

मीडिया से बातचीत के दौरान महाभारत में श्री कृष्णा का अभिनय करने वाले नीतीश भारद्वाज ने कहा की ‘युद्ध के मैदान में गीता फंडामेंटली कर्त्तव्य की भावना की सीख देती है। हम सब की लाइफ में स्ट्रगल है। फिल्म में भावनात्मक रूप से ज्यादा जंग लड़ी जा रही है।

श्लोक 11.2 में भी अर्जुन को बताया गया था की एक योद्धा होने के नाते वो अपने कर्तव्य का पालन करें। उन्हें बुराई से जंग लड़नी है। श्री कृष्ण श्लोक में कहते है की में ही सनातन काल हूं जो सभी का सर्वनाश करूंगा। तुम नहीं भी मारोगे तो भी सब मर जाएंगे। इसलिए अपने कर्तव्य का पालन करो।’

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फिल्म का किया सपोर्ट

आगे नीतीश भारद्वाज कहते है की ‘ओपेनहाइमर ने एटम बम बनाया। इसका इस्तेमाल वर्ल्ड वॉर 2 के समय जापान के लोगों को मारने के लिए किया गया। उस समय उसने खुद से एक सवाल पूछा की क्या उसने अपना कर्त्तव्य सही से निभाया या नहीं? ओपेनहाइमर के एक बहुत ही फेमस इंटरव्यू में उनकी आखों से आसूं आ जाते है।

जिससे साफ़ है की उन्हें अपनी इन्वेंशन पर पछतावा है। फिल्म में इस्तेमाल किए गए श्लोक को ओपेनहाइमर की भावनात्मक मनोस्थिति की तरह भी समझना चाहिए। एक साइंटिस्ट अपने इन्वेंशन के बारे में दिन रात सोचता है। किसी भी काम को करते वक्त उसका पूरा ध्यान उसकी क्रिएशन की तरफ ही होता है। और फिजिकल एक्ट तो एक नॉर्मल मकैनिकल काम है।’

लोगों से की ये अपील

नितीश ने भारत के लोगों से नोलन के मैसेज को ढंग से समझने की अपील की है। उन्होंने खा की दर्शक ओपेनहाइमर के इमोशनल पहलू के बारें में सोचे। नोलन का मैसेज काफी साफ़ है। उसे सही से समझे।

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