Big News : दून अस्पताल में अव्यवस्थाओं का अंबार, मरीज परेशान, कैसे मिलेगा इलाज ? - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

दून अस्पताल में अव्यवस्थाओं का अंबार, मरीज परेशान, कैसे मिलेगा इलाज ?

Yogita Bisht
3 Min Read
DOON HOSPITAL (1)

प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल राजधानी देहरादून स्थित दून अस्पताल से अव्यवस्थाओं को लेकर अक्सर खबरें सामने आते रहती हैं। कभी गंदगी को लेकर, कभी लिफ्ट में ही डिलीवरी करा दी जाती है तो कभी डॉक्टर बाहर से मंहगी दवाइंया मंगाते हैं। अभी हाल में दून अस्पताल से फिर से हैरान करने वाला मामला सामने आया है। दून अस्पताल में गर्भवती महिला प्रसव पीड़ा से कराह रही थी और अस्पताल में तीन घंटे उसकी फाइल ही बनती रही।

दून अस्पताल में अव्यवस्थाओं का अंबार

दून अस्पताल में प्रदेश सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद अव्यवस्थाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। आए दिन ऐसे मामले सामने आते हैं जिन्हें देखने के बाद अस्पताल प्रबंधन पर कई सवाल उठते हैं। ऐसा ही एक मामला फिर से सामने आया है। दून अस्पताल में लेबर रूम की बजाय इमरजेंसी में गर्भवतियों की डिलीवरी के मामले सामने आए हैं। ऐसा नहीं है कि ऐसा सिर्फ एक मामला है ऐसे कई मामले सामने आए हैं।

लेबर रूम की बजाय इमरजेंसी में हो रहे गर्भवतियों के प्रसव

गर्भवती महिलाओं के साथ आने वाली आशाओं का कहना है कि दून अस्पताल में लापरवाही बढ़ गई है। लापरवाही इस हद तक हो गई है कि गर्भवतियों की डिलीवरी लेबर रूम की बजाय इमरजेंसी में ही हो रही है। आशाओं का कहना है कि गर्भवती की भर्ती फाइल बनाने में स्टाफ दो से तीन घंटे का समय लगाता है।

इस दौरान गर्भवती दर्द से तड़पती रहती है। लेकिन उसे लेबर रूम तक ले जाने की नौबत ही नहीं आ पाती। प्रसव इमरजेंसी में ही हो जाता है। इसके साथ ही आशाओं का कहना है कि गर्भवती और आशा के साथ अस्पताल में अच्छा व्यवहार नहीं किया जाता है। अस्पताल में गर्भवती को भर्ती करवाने के नाम पर डॉक्टर बहुत लापरवाही करते हैं।

रात में डॉक्टर गर्भवतियों को कर देते हैं रेफर

आशा कार्यकर्ताओं का कहना है दून अस्पताल में अव्यवस्थाओं के हाल ये है कि रात में अगर किसी गर्भवती को दून अस्पताल प्रसव के लिए ले जाया जाता है तो बिना कोई टेस्ट करवाए उन्हें डॉक्टर कोरोनेशन के लिए रेफर कर देते हैं। आशाओं ने डॉक्टरों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि डॉक्टर इलाज में इतनी लापरवाही बरतते हैं जिसे देखकर ऐसा लगता है कि उन्हें मरीज की कोई चिंता ही नहीं है।

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योगिता बिष्ट उत्तराखंड की युवा पत्रकार हैं और राजनीतिक और सामाजिक हलचलों पर पैनी नजर रखती हैंं। योगिता को डिजिटल मीडिया में कंटेंट क्रिएशन का खासा अनुभव है।