Big News : देहरादून में यातायात में बाधा बन रहे हैं शराब के ठेके, एसपी ट्रैफिक ने की शराब के 15 ठेके शाम को दो घंटे बंद रखने की सिफारिश - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

देहरादून में यातायात में बाधा बन रहे हैं शराब के ठेके, एसपी ट्रैफिक ने की शराब के 15 ठेके शाम को दो घंटे बंद रखने की सिफारिश

Yogita Bisht
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राजधानी देहरादून में जाम की समस्या से आम लोग परेशान हैं। आए दिन के जाम के कारणों का पता लगाने पर पता चला कि देहरादून में यातायात में शराब के ठेके बाधा बन रहे हैं। इसलिए एसपी ट्रैफिक ने की शराब के 15 ठेके शाम को दो घंटे बंद रखने की सिफारिश की है।

दून में यातायात में बाधा बन रहे हैं शराब के ठेके

देहरादून में यातायात में शराब के ठेके बाधा बन रहे हैं। शराब के शहर में 15 ठेके ऐसे हैं जिनके कारण जाम लगता है। इन 15 ठेकों को एसपी ट्रैफिक ने शाम छह से रात आठ बजे तक बंद रखने की सिफारिश की है। 

इस से पहले भी उन्होंने  जिलाधिकारी को 11 ठेकों को शिफ्ट करने के लिए पत्र लिखा था। लेकिन जब तक ठेके शिफ्ट नहीं होते तब तक पीक समय में इन्हें बंद रखने को कहा गया है।

शहर के इन स्थानों पर ठेके बन रहे यातायात में बाधा

राजधानी में राजपुर रोड, चकराता रोड, सहारनपुर रोड और हरिद्वार रोड पर शाम के वक्त यातायात का काफी दबाव रहता है। यहां शराब के 15 ठेकों के सामने शाम छह बजे से आठ बजे तक बहुत भीड़ रहती है। कुछ लोग सड़क पर गाड़ियां लगाकर शराब खरीदते हैं।

ऐसे में इन मार्गों पर यातायात का दबाव और बढ़ जाता है। कई बार इन क्षेत्रों में जाम की स्थिति पैदा हो जाती है। इनमें तीन ठेके राजपुर रोड, तीन मसूरी रोड, एक चरकाता रोड, तीन हरिद्वार रोड, एक रायपुर रोड, एक घंटाघर, एक रायपुर रोड और दो चकराता रोड पर हैं।

पिछले साल सहारनपुर रोड स्थित एक ठेके के खिलाफ हुई थी कार्रवाई

ठेकों के कारण होने वाली परेशानियों के कारण ही पिछले साल सहारनपुर रोड स्थित एक ठेके के खिलाफ कार्रवाई भी की गई थी। लेकिन इसके बाद भी इनके रवैये में कोई सुधार नहीं आया। जिसके बाद इन जगहों का सर्वे किया गया तो 11 ऐसे ठेके मिले जहां ज्यादा भीड़ रहती है।

लेकिन अब जब फिर से ठेकों वाली जगह का सर्वे कराया गया है। शहर में 15 ठेकों के पास इस तरह की समस्या रहती है। इन ठेकों के कारण यातायात में बाधा आती है। लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसलिए जिलाधिकारी से इन्हें शिफ्ट कराने की मांग करते हुए पत्र लिखा गया था।

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योगिता बिष्ट उत्तराखंड की युवा पत्रकार हैं और राजनीतिक और सामाजिक हलचलों पर पैनी नजर रखती हैंं। योगिता को डिजिटल मीडिया में कंटेंट क्रिएशन का खासा अनुभव है।