National : बड़ी घटना को अंजाम देने से पहले लारेंस बिश्नोई रखता है मौन व्रत, Baba Siddiqui हत्याकांड से पहले भी किया था 9 दिनों का उपवास - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

बड़ी घटना को अंजाम देने से पहले लारेंस बिश्नोई रखता है मौन व्रत, Baba Siddiqui हत्याकांड से पहले भी किया था 9 दिनों का उपवास

Renu Upreti
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Lawrence Bishnoi observed a fast of silence before killing Baba Siddiqui.

एनसीपी नेता Baba Siddiqui की शनिवार को गोली मारकर हत्या कर दी गई है। ये वारदात मुंबई के बांद्रा ईस्ट में घटित हुई। फिलहाल पुलिस ने दो शूटर को गिरफ्तार कर लिया है। कुछ ही महीने पहले बाबा सिद्दीकी एनसीपी में शामिल हुए थे। इससे पहले 48 सालों तक वो कांग्रेस में रहे। वह महाराष्ट्र के बड़े नेता माने जाते हैं। उनके संबंध सियासत से लेकर बॉलीवुड तक रहे। अभी तक हत्या के कारणों की असल वजह सामने नहीं है। इस पूरे हत्याकांड की जिम्मेदारी लारेंस बिश्नोई गैंग ने ली है। इस बीच इस गैंग को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है।

नवरात्र में 9 दिनों तक रखा मौन व्रत

जानकारी के मुताबिक, साबरमती जेल में लारेंस बिश्नोई ने नवरात्र में 9 दिनों तक मौन व्रत रखा था। इसने इस दौरान किसी से बातचीत नहीं की और वो अन्न भी ग्रहण नहीं करता था। माना जाता है कि जब-जब बिश्नोई मौन व्रत रखता था तब -तब उसका गैंग किसी बड़ी वारदात को अंजाम देता था।

सूत्रों के मुताबिक, लारेंस बिश्नोई को साबरमती जेल में एक अलग सेल में रखा गया है। वह मोबाइल फोन का इस्तेमाल जेल से करता है। ये बात एजेंसी के लोग भी बताते हैं। बिश्नोई अन्न कम खाता है, दूध, दही और फल का इस्तेमाल खाने में करता है। इसके अलावा वह जेल में बैडमिंटन खेलता है और कसरत भी करता है।

खास बैरक में बंद है लारेंस बिश्नोई

बता दें कि गुजरात की साबरमती जेल में बंद लारेंस बिश्नोई को खास बैरक में रखा गया है। इस बैरक के अंडा सेल में उसे रखा गया है। जहां पर उसके साथ और कोई कैदी नहीं है। आमतौर से जुड़े और गंभीर अपराध में बंद खूंखार कैदियों को ही ऐसे जेल में रखा जाता है। साल 2008 से बम बलास्ट से जुड़ी आतंकयों के भी इसी तरह अंडा सेल में रखा गया था। यह जेल का सबसे सुरक्षित हिस्सा होता है, जहां पर बैरक और सेल के बाहर भी सुरक्षाकर्मी होते हैं।

अपने सेल में लारेंस बिश्नोई करता था पूजा-पाठ

इन सेल-बैरक में बंद आरोपियों से बहुत कम बातचीत का अवकाश रहता है। क्योंकि वह अकेले होते हैं, सुरक्षाकर्मी भी उनसे बातचीत में परहेज करते हैं। सुबह 6 से 12 और शाम 3 से 6 के बीच में उसे नाश्ता और खाना दिया जाता है। उसे वहां से बाहर निकलने की अनुमति नहीं होती है। लारेंस बिश्नोई धार्मिक है और वह अपने सेल में ध्यान लगाकर पाठ करता रहता है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की मंजूरी के बिना उसे जेल से बाहर नहीं निकाला जा सकता है।

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