चक्रवाती तूफान बिपरजॉय को लेकर देश में हलचल है। मुंबई से लेकर केरल के तट तक समंदर में तूफानी लहरें उठ रही है। मौसम विभाग के अनुसार 14 जून तक उत्तर की ओर बढ़ेगा और फिर सौराष्ट्र-कच्छ तट की ओर बढ़ेगा, जिसे यह 15 जून को दोपहर तक पार कर जाएगा। बिपरजॉय तूफान के आने से कई तरह का नुकसान भी हो सकता है जिसे देखते हुए कई राज्यों में हाई अलर्ट किया गया है। आइये सबसे पहले जानते हैं कि बिपरजॉय क्या है और इसे लेकर क्या- क्या सावधानियां बरती जा रही है।
क्या है बिपरजॉय
बिपरजॉय एक तरह का चक्रवात है जो अरब सागर में उठ रहा है। यह चक्रवाती तूफान छह जून की देर रात तेज हो गया। इसके बाद इसे साइक्लोन ‘बिपरजॉय’ नाम दिया गया। ‘बिपरजॉय’ बांग्ला भाषा का शब्द है जिसका अर्थ होता है ‘आपदा’। इस खतरनाक होते तूफान को बिपरजॉय नाम बांग्लादेश द्वारा ही दिया गया है।
बिपरजॉय के कारण यहां होगा भूस्खलन
बताया जा रहा है कि बिपरजॉय के कारण 15 जून को गुजरात के कच्छ और पाकिस्तान के कराची के बीच भूस्खलन की आशंका है। इस बीच, गुजरात और महाराष्ट्र को हाई अलर्ट में रखा गया है। एनडीआरएफ के साथ-साथ तीनों सेनाएं भी अलर्ट मोड पर हैं।
पश्चिम रेलवे ने की 67 ट्रेनें रद्द
बिपरजॉय के बदलते रूप को देखते हुए पश्चिम रेलवे ने 67 ट्रेनों को रद्द कर दिया है और 43 अन्य को आंशिक रूप से रद्द किया गया है।
15 जून को सबसे अधिक खतरा
बता दें कि इससे पहले मौसम विभाग ने तूफान से 15 जून को सबसे अधिक खतरा बताया है और सब लोगों को घर के अंदर सुरक्षित स्थान पर रहें। इसके आने से पेड़, बिजली के खंबे, सेलफोन टॉवर उखड़ सकते हैं जिसकी वजह से बिजली और दूरसंचार में व्यवधान आ सकता है। इसकी वजह से खड़ी फसलों का भी नुकसान होगा।