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Swami Vivekanand की जंयती पर जानिए उनकी प्रभावशाली बातें, जीवन में मिलेगी अपार सफलता  

Renu Upreti
3 Min Read
Know the influential things about Swami Vivekanand on his birth anniversary

Swami Vivekanand को आधुनिक भारत के सबसे प्रभावशाली लोगों में से एक माना जाता है। विवेकानंद ने अपने जीवनकाल के दौरान युवाओं में जोश भरने का काम किया था। उनकी जयंती 12 जनवरी के दिन हर साल राष्ट्रीय युवा दिवस के रुप में मनाई जाती है। अगर स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं को हम जीवन में उतार लें तो जीवन मे क्रांति घटित हो सकती है। स्वामी विवेकानंद की कुछ ऐसी प्रभावशाली बातों की जानकारी आज हम आपको देंगे, जिनसे आप जीवन में सफलता की सीढ़ियों पर चढ़ सकते हैं।

ध्यान का महत्व

स्वामी विवेकानंद ने ध्यान के महत्व को समझाया है। ध्यान वह प्रक्रिया है जिससे मानसिक स्पष्टता प्राप्त होती है। तनाव कम होता है। साथ ही ध्यान करने से आप अपन लक्ष्य के प्रति फोकस भी रह पाते हैं। इसलिए स्वामी विवेकानंद ने ध्यान को जीवन में जीने का तरीका माना है। विवेकानंद के अनुसार, ध्या से एकाग्रता आती है और एकाग्र व्यक्ति को जीवन में सफल होने से कोई नहीं रोक सकता। अगर आज हम भी ध्यान के महत्व को समझ लें तो जीवन में सफल हो सकते हैं।

अनुशासन

जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए विवेकानंद ने अनुशासित रहने की सीख दी है। मेहनत के साथ-साथ अगर व्यक्ति अनुशासित भी रहता है तो आसानी से अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकता है।

निडरता

स्वामी विवेकानंद अज्ञान को डर का कारण मानते थे। उनका कहना था कि अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए निडर होकर आगे बढ़ना चाहिए। निरंतर ज्ञान प्राप्त करके और सही संगति मे रहने से व्यक्ति हर प्रकार के डर से मुक्ति पा सकता है।

दयालु बने

विवेकानंद जी का कहना था कि करूणा और दया ही आपको आध्यात्मिक उन्नति दिलाते हैं। उनका मानना था कि हमे हर जीव हर मनुष्य के प्रति करूणापूर्ण रहना चाहिए। दया, सहानुभूति और करूणा समाज में शांति और विकास लाती है।

स्वंय पर विश्वास

सेवा ही समाज के उत्थान का कारण बनती है। स्वामी विवेकानंद मानते थे कि जिस समाज में दूसरों की सेवा व्यक्ति के द्वारा नहीं की जाती उसका विकास होना असंभव है। वहीं जिस समाज में लोगों के प्रति लोगों के मन में सेवा भाव होता है तो प्रगति का मार्ग खुद खुल जाता है। इसलिए हर व्यक्ति के मन में सेवा भाव अवश्य होना चाहिए।

वर्तमान क्षण में जीना

वर्तमान क्षण में जीना ही एकमात्र सत्य है, ऐसा स्वामी विवेकानंद जी का मानना था। इसलिए हर व्यक्ति को वर्तमान में रहना सीखना चाहिए। अतीत की बातें भूलकर और भविष्य की चिंता को छोड़कर जो वर्तमान में पूरी तरह से होता है उसे बुलंदियों पर पहुंचने में देर नहीं लगती।

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