Udham Singh Nagar : किच्छा : किसान सेवा सहकारी समिति लि. संघ ने सीएम को भेजा ज्ञापन, बोले-लोकतांत्रिक रूवरूप की हत्या - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

किच्छा : किसान सेवा सहकारी समिति लि. संघ ने सीएम को भेजा ज्ञापन, बोले-लोकतांत्रिक रूवरूप की हत्या

Reporter Khabar Uttarakhand
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किच्छा : सहकारी समिति प्रबन्धक उत्तराखण्ड द्वारा बनायी गयी संशोधित नियमावली से असंतुष्ट होकर किसान सेवा सहकारी समिति लिमिटेड संघ ने एक ज्ञापन तहसीलदार किच्छा जगमोहन त्रिपाठी के माध्यम से मुख्यमंत्री को प्रेषित किया। ज्ञापन में निबन्धक सहकारी समितियाॅं उत्तराखण्ड की संशोधित नियमावली 2019 को निरस्त करने का अनुरोध करते हुये 7 सूत्रीय मांग पत्र में दीप चन्द्र पाण्डे अध्यक्ष सहकारी कर्मचारी संघ नैनीताल व ऊधम सिंह नगर द्वारा कहा गया है कि सहकारी समिति प्रबन्धक द्वारा प्रदेश में किसान सेवा सहकारी समितियों के लोकतांत्रिक रूवरूप की हत्या की जा रही है।

प्रदेश में सहकारिता आन्दोलन के त्रिस्तरीय ढ़ांचे की रीढ़ प्रारम्भिक कृषि ऋण समितियाॅं होती है तथा यह पैक्स का गठन कर क्षेत्र के लघु कृषकों बीपीएल परिवारों को अपने अल्प संशोधनो से उनके कृषि कार्यों व अन्य मूलभूत आवश्यकताओं हेतु ऋण उपलब्ध करा रही है। लेकिन प्रदेश के सहकारी समितियाॅं निबन्धक, उत्तराखण्ड की संशोधन नियमावली से पैक्स के अधिकारों का हनन किया जा रहा है। पैक्स एक स्वायत्तशासी संस्था है, बिना पक्स प्रबन्ध कमेटी व आदर्श उपविधियों का संज्ञान लिये इन समितियों के स्वरूप में परिवर्तन किया जा रहा है जिससे समितियों के स्वरूप का खण्डन होने की सम्भावना है। साथ ही ज्ञापन में कहा गया है कि निबन्धक अपनी सीमाओं के अन्तर्गत समितियों में हस्तक्षेप करने से रोका जाना चाहिये। मुख्य कार्यकारी अधिकारी की सेवाओं, वेतन भत्ते इत्यादि प्रयोजनों हेतु समितियों के अंशदान द्वारा कैडर फण्ड जिला स्तर पर ही गठित किया जाना चाहियें। अंशधारी समितियों द्वारा संचयी के लिए कैडर फण्ड को प्रदेश स्तर पर केन्द्रीयत किया जाना ठीक नहीं है। मांग की गयी कि प्रदेश के सहकारिता आन्दोलन को बहु प्रतिक्षित वैद्यनाथन कमेटी के सुझावों के अनुसार लागू किया जाना चाहियें। पैक्स अपने प्रबन्धकीय व्यय के लिए राज्य से सहायता नहीं प्राप्त कर रही है जिसके लिये नये नियम थोप कर प्रबन्ध कमेटी के अधिकारों का हनन किया जाना न्यायोचित नहीं है।

ज्ञापन देने वालों में दीप चन्द्र पाण्डे, इम्तियाज अहमद, कैलाश शर्मा, बालम सिंह जलाल, प्रकाश तिवारी, मनोज चैधरी, जगदीश मेहरा, शुभम चैधरी, हरीश सिंह, पुष्कर पन्त, वसीम खान, दिव्या अयलानी, रितु आदि कर्मचारी थे।

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