उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra 2022) आज से शुरू हो गई है। हरिद्वार में कांवड़ियों का आना शुरु हो गया है। इस बार बड़ी संख्या में कांवड़ियों के हरिद्वार पहुंचने की उम्मीद है। हरिद्वार के डीएम और एसएसपी ने विधिवत पूजा अर्चना कर कांवड़ मेले के लिए मां गंगा से आशीर्वाद मांगा है।
उत्तराखंड में आज से कांवड़ यात्रा की शुरुआत औपचारिक रूप से हो गई है। इस बार हरिद्वार में गंगा जल लेने के लिए और आसपास के शिवालयों में जल चढ़ाने के लिए बड़ी संख्या में कांवड़ियों के आने की उम्मीद जताई जा रही है। कोरोना के चलते दो सालों से बंद कांवड़ यात्रा इस बार बिना किसी प्रतिबंध के सुचारु रूप से चलाने की तैयारी है।
कांवड़ यात्रा को लेकर इस बार शासन और प्रशासन ने जबरदस्त तैयारी की है। खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कुछ दिनों पहले हरिद्वार में अधिकारियों के साथ मीटिंग कर कांवड़ मेले की तैयारियों को पुख्ता बनाने के निर्देश दिए हैं। आज सुबह अपने एक ट्वीट में सीएम धामी ने कांवड़ियों को कांवड़ मेले की शुभकामना दी है। सीएम ने उम्मीद जताई है कि इस बार पांच करोड़ कांवड़ियों आ सकते हैं। सीएम ने कुछ दिनों पहले कांवड़ियों से कम से कम एक पौधा रोपण करने की अपील भी की थी।
पंजीकरण कराना है जरूरी (kanwar yatra regesitration)
वहीं इस बार प्रशासन ने कांवड़ियों के उत्तराखंड प्रवेश के लिए पंजीकरण जरूरी कर दिया है। बिना पंजीकरण के उत्तराखंड में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। उत्तराखंड में कांवड़ियों का रजिस्ट्रेशन इस लिंक (kanwar yatra registration) पर करना होगा – kanwar yatra registration
बिना रजिस्ट्रेशन के कांवड़ियों के लिए प्रवेश की अनुमति नहीं मिलेगी। हालांकि ये रजिस्ट्रेशन बेहद आसान है और महज तीन स्टेप में पूरा हो रहा है। मोबाइल नंबर होना जरूरी है।
पुलिस ने इस बार कुछ और कदम उठाए हैं जिससे कांवड़ यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने में मदद मिलेगी। कांवड़ियों के डीजे पर कोई प्रतिबंध नहीं है लेकिन उत्तेजना फैलाने वाले और किसी अन्य धर्म के खिलाफ बने गानों को बजाने की अनुमति नहीं होगी। इसके साथ ही जहां तहां गाड़ी पार्क करने पर भी पुलिस सख्ती करेगी। हाईवे पर गाड़ियों की पार्किंग नहीं होने दी जाएगी।
इस बार अधिकारियों को भी पैदल चलने होगा। दरअसल जीरो जोन में किसी भी प्रकार के वाहन को ले जाने पर प्रतिबंध है। कोई भी अधिकारी जीरो जोन में वाहन नहीं ले जाएगा। वहां पैदल ही जाना होगा। हर की पौड़ी के आसपास का इलाका पूरी तरह से जीरो जोन है। वहीं पुलिस ने पुलों से गंगा में छलांग लगाने पर भी प्रतिबंध लगाया है।
डीजीपी अशोक कुमार खुद ही बुधवार को हरिद्वार में थे और पुलिस अधिकारियों से मेले की तैयारियों के बारे में जानकारी लेने के साथ उन्हें आवश्यक दिशा निर्देश दिए हैं।