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Jagannath : आखिर 46 सालों बाद क्यों खुला रत्नों का भंडार? सोने, जवाहरात, चांदी के बर्तन, जानें क्या कुछ मिला

Renu Upreti
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Jagannath: Why was the storehouse of gems opened after 46 years?

ओडिशा का जगन्नाथ मंदिर इन दिनों चर्चाओं में है क्योंकि वहां 46 सालों बाद रत्नों का भंडार खुला है, भगवान जगन्नाथ की निधि होने के कारण पुरी मंदिर के रत्न भंडार को लेकर भक्तों में गहरी आस्था है। यह रत्न भंडार भगवान जगन्नाथ को चढ़ाए गए बहुमूल्य सोने और हीरे के आभूषणों का घर है। रत्न भंडार के दो कक्ष हैं-भीतर भंडार, और बाहरी भंडार। जानकारी के अनुसार बाहरी खजाने में भगवान जगन्नाथ के सोने से बने मुकुट, सोने के तीन हार हैं। जिनमें से प्रत्येक का वजन 120 तोला है। वही आतंरिक खजाने में करीब 74 सोने के आभूषण हैं, जिनमें से प्रत्येक का वजन 100 तोला से ज्यादा है। इसके अलावा सोने, मूंगे, हीरे और मोतियों से बनी प्लेटें हैं। इसके अलावा 140 से ज्यादा चांदी के आभूषण भी खजाने में रखे गए हैं।

बाहरी रत्न भंडार का सामान सील

फिलहाल बाहरी रत्न भंडार का सामान लकड़ी के 6 संदूकों में रखकर सील कर दिया गया है। हालांकि अंदर के हिस्से के सामान को अभी संदूक में नहीं रखा गया है। यह काम बहुडा यात्रा और सुना वेशा के बाद किया जाएगा। रत्न भंडार में मौजूद रत्नों, आभूषणों और अन्य बेशकीमती चीजों की गिनती और मरम्मत की जाएगी. इनकी संख्या, गुणवत्ता, वजन, फोटो संबंधित डिजिटल कैटलाग भी तैयार किया जाएगा, जिसे भविष्य में एक रेफरेंस डाक्युमेंट के तौर पर उपयोग किया जाएगा. हालांकि, कल खोले गए रत्न भंडार में क्या क्या चीजें मिलीं, इसे लेकर 11 सदस्यीय टीम की ओर से कोई खुलासा नहीं किया गया है। वहीं 46 साल पहले 1978 में जब मंदिर का रत्न भंडार खोला गया था तब करीब 140 किलो सोने के गहने, 256 किलो चांदी के बर्तन मिले थे।

आखिर क्यों 46 सालों तक खोला नहीं गया?

दरअसल, साल 2018 में ओडिशा हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को निरीक्षण के लिए पुरी जगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार खोलने की अनुमति देने का निर्देश दिया था। लेकिन ओडिशा सरकार ने कहा कि रत्न भंडार की चाबियां नहीं मिल रही हैं। बता दें कि रत्न भंडार की चाबियां पुरी कलेक्टर के पास रखी होती है। ऐसे में तत्कालीन कलेक्टर अरविंद अग्रवाल ने हाई कोर्ट में हलफनामा देकर कहा था कि चाबियां कहां रखी है। यह पता नहीं चल पा रहा है।

बीजेपी ने किया अपना वादा पूरा

जिसके बाद उस दौरान मुख्यमंत्री रहे नवीन पटनायक ने एक समिति का गठन किया और मामले की जांच का आदेश दिया। जिसके बाद समिति ने बताया कि रत्न भंडार की दो चाबियां मौजूद हैं। और वहीं बीजेपी ने भी ये वादा किया था कि अगर ओडिशा में उनकी सरकार बनेगी तो पुरी जगन्नाथ मंदिर के चारों प्रवेश द्वारों को खोला जाएगा और रत्न भंडार भी खुलेगा। जिसके बाद बीजेपी की सरकार बनते ही अब रत्न भंडार को खोलकर यहां बीजेपी ने अपना वादा भी पूरा किया है।

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