चीन में फैले HMPV वायरस ने एक बार फिर दुनिया में डर का माहौल पैदा कर दिया है। भारत में भी तीन लोगों पर लक्षण देखने को मिले हैं। इसके बाद से ही सवाल उठने लगे हैं कि क्या HMPV वायरस भी कोरोना वायरस की तरह ही खतरनाक है। इसको लेकर एम्स के डॉक्टरों ने जवाब दिया है।
क्या कहा HMPV को लेकर डॉक्टर ने?
HMPV वायरस पर, एम्स दिल्ली में इंटरनल मेडिसिन के अतिरिक्त प्रोफेसर नीरज निश्चल ने बताया कि HMPV वायरस की तुलना कोविड-19 से न करें क्योंकि वह पूरी तरह से नया वायरस था और हममें से किसी में भी इसके खिलाफ प्रतिरक्षा नहीं थी। HMPV का वर्णन 2021 से किया जा रहा है और साक्ष्यों के आधार पर भी यह 1950 के दशक के उत्तरार्ध से है। 10 वर्ष की आयु तक, अधिकांश बच्चों में इसके खिलाफ प्रतिरक्षा विकसित हो जाती है।
क्या है HMPV वायरस?
नए वायरस का नाम ह्यूमन मेटा न्यूमो वायरस है। HMPV एक RNA वायरस है यानी फ्लू की तरह फैलता है। HMPV के लक्ष्ण भी कोरोना महामारी की तरह है। खांसी, बुखार, नाक बंद होना, गले में खराश और सांस लेने में तकलीफ जैसे इसके लक्षण है। दो साल से छोटे बच्चे, बुजुर्ग, कमजोर इम्यूनिटी वाले सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं. अस्थमा और फेफड़ों की बीमारी वाले मरीजों में तेजी से संक्रमण फैलते हैं।
कैसे बचें HMPV वायरस से ?
- हाथों को बार-बार साबुन से धोएं
- सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें
- मरीजों के संपर्क में आने से बचें
- मास्त का इस्तेमाल करें
- लक्षण दिखने पर आइसोलेट हो जाएं
- जरुरत पड़ने पर डॉक्टर से संपर्क करें
क्या है HMPV वायरस के लक्षण?
- कोरोना जैसे लक्षण
- तेज बुखार और खांसी
- सांस लेने में परेशानी
- फेफड़ों में संक्रमण
- नाक बंद होना
- गले मे घरघराहट
- संपर्क में आने से फैलना