International News : क्यों भारतीय नर्स को मिल रही Yemen में फांसी, जानिए कौन है Nimisha Priya?,किस बात की मिल रही सजा? - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

क्यों भारतीय नर्स को मिल रही Yemen में फांसी, जानिए कौन है Nimisha Priya?,किस बात की मिल रही सजा?

Uma Kothari
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Indian Nurse Nimisha Priya Death Row Yemen: यमन की राजधानी सना की जेल में बंद भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को 16 जुलाई को फांसी दी जा सकती है। केरल के पलक्कड़ की रहने वाली 37 साल की निमिषा को यमन की एक अदालत ने वहां के नागरिक तलाल महदी की हत्या का दोषी ठहराया है।

अब ये मामला अपने अंतिम मोड़ पर है और फांसी की तारीख तय हो चुकी है। उधर भारत में उसका परिवार उसे बचाने के लिए आखिरी कोशिशों में जुटा है। ऐसे में चलिए जानते है कि निमिशा आखिर है कौन?और उसे यमन में किस बात की सजा मिल रही है?

Indian Nurse Nimisha Priya Death Row Yemen

जानिए कौन है भारतीय नर्स Nimisha Priya?

Nimisha Priya साल 2008 में नौकरी की तलाश में यमन(Yemen) गई थी। कुछ साल तक हॉस्पिटल में काम करने के बाद उसने खुद का एक क्लिनिक खोलने की सोची, लेकिन वहां के नियमों के मुताबिक बिज़नेस खोलने के लिए किसी स्थानीय नागरिक की साझेदारी जरूरी थी।

यहीं उसकी मुलाकात तलाल महदी से हुई। लेकिन यह साझेदारी जल्द ही विवादों में बदल गई। महदी के खिलाफ निमिषा ने शिकायत भी दर्ज कराई, जिसके बाद कुछ समय के लिए वह जेल गया, लेकिन रिहा होने के बाद उसने निमिषा को लगातार धमकाना शुरू कर दिया।

हत्या का है आरोप

निमिषा के परिवार का दावा है कि महदी ने उसका पासपोर्ट जब्त कर लिया था। इसी पासपोर्ट को वापस पाने की कोशिश में, निमिषा ने महदी को बेहोशी का इंजेक्शन दिया लेकिन ओवरडोज़ की वजह से उसकी मौत हो गई।

महदी की मौत के बाद निमिषा देश छोड़ने की कोशिश कर रही थी। लेकिन तभी उसे गिरफ्तार कर लिया गया। 2018 में कोर्ट ने उसे दोषी करार दिया और पिछले साल यमन के राष्ट्रपति ने उसकी फांसी की सज़ा को मंजूरी भी दे दी। अब यह तय हो चुका है कि 16 जुलाई को उसे सजा-ए-मौत दी जा सकती है।

निमिषा की मां की आखिरी अपील

निमिषा की मां, जो कोच्चि में घरेलू सहायिका का काम करती हैं, बेटी को बचाने की लड़ाई में अपनी पूरी ज़िंदगी की जमापूंजी झोंक चुकी हैं। उन्होंने केस लड़ने के लिए अपना घर तक बेच दिया। उन्होंने भारत सरकार से हाथ जोड़कर अपील की है—“बस मेरी बेटी की जान बचा लो।” विदेश मंत्रालय का कहना है कि वह मामले पर नजर रखे हुए है और स्थानीय प्रशासन के साथ संपर्क में है, लेकिन वक्त अब तेजी से निकलता जा रहा है।

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