National : लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को झटका, इनकम टैक्स विभाग ने भेजा 1700 करोड़ का नोटिस - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को झटका, इनकम टैक्स विभाग ने भेजा 1700 करोड़ का नोटिस

Renu Upreti
3 Min Read
Income Tax Department Notice of Rs 1700 crore sent to Congress
Income Tax Department Notice of Rs 1700 crore sent to Congress

कांग्रेस पार्टी को लोकसभा चुनाव से पहले बड़ा झटका लगा है। इनकम टैक्स विभाग ने कांग्रेस को 1700 करोड़ रूपये की वसूली के लिए नोटिस भेजा है। यह नोटिस साल 2017-18 से 2020-21 के लिए भेजा गया है। आयकर विभाग की ओर से भेजे गए नोटिस में टैक्स, जुर्माना और ब्याज भी जोड़ा गया है। इस बात की जानकारी कांग्रेस पार्टी के नेता विवेक तन्खा ने दी है।

इसस पहले गुरुवार को ही दिल्ली हाई कोर्ट ने भी कांग्रेस पार्टी को बड़ा झटका दिया था। इनकम टैक्स विभाग ने उसी के बाद यह कार्रवाई करते हुए नोटिस भेजा है। दिल्ली हाई कोर्ट में कांग्रेस ने एक याचिका दायर करके 2017-18 से लेकर 2020-21 तक के टैक्स वसूलने को लेकर नोटिस भेजने का कड़ा विरोध किया था।

कांग्रेस के खातों में कई बेहिसाब लेनदेन

दिल्ली हाईकोर्ट की बेंच ने अपने आदेश में कहा कि कांग्रेस के खातों में कई बेहिसाब लेनदेन थे। इमकम टैक्स विभाग अधिकारियों के पास उनके पुनर्मूल्यांकन की कार्यवाही शुरु करने के लिए पुख्ता सबूत हैं। इनके आधार पर कार्रवाई शुरु की गई। इससे पहले भी कोर्ट ने कांग्रेस की याचिका को सिरे से खारिज कर दिया था। कोर्ट ने पिछले आदेश में कहा था कि कांग्रेस ने यह याचिका उस समय दायर की है जब टैक्स असेसमेंट की आखिरी तारीख बिल्कुल नजदीक आ गई है। कोर्ट ने यह भी कहा कि आयकर विभाग ने कांग्रेस पार्टी के खिलाफ पुख्ता सबूत इकट्ठा किए हैं।

कांग्रेस के खातों से 135 करोड़ की रिकवरी

यह भी कहा जा रहा है कि 2014-15 से लेकर 2020-21 के अलावा अब 2021-22 से लेकर 2023-24 तक के टैक्स असेसमेंट का इंतजार आईटी कर रही है। यह असेसमेंट 31 मार्च, 2024 के बाद जारी किया जा सकता है। इसके बाद कुल मिलाकर पार्टी के ऊपर 10 सालों के टैक्स असेसमेंट का बोझ बढ़ेगा। बता दें कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने कांग्रेस के खातों से 135 करोड़ की रिकवरी की थी। पार्टी से रिकवरी साल 2018-19 के लिए की गई थी। कांग्रेस ने साल की आयकर भरने की आखिरी डेट पर कागज जमा किए थे और साथ ही उन नियमों का पालन नहीं किया था, जिसके तहत टैक्स भरने की छूट मिलती है।

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