Big News : वन विभाग की रिपोर्ट 35 घटनाओं की, जबकि दमकल विभाग ने 101 जगह बुझाई आग, कौन बोल रहा सच ? - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

वन विभाग की रिपोर्ट 35 घटनाओं की, जबकि दमकल विभाग ने 101 जगह बुझाई आग, कौन बोल रहा सच ?

Yogita Bisht
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FOREST FIRE (1)

प्रदेश में जंगल की आग से हाहाकार मचा हुआ है। अब तक प्रदेश में 998 जंगलों में आग की घटनाएं सामने आई हैं। जिसमें 1316.12 हेक्टेयर जंगल जलकर खाक हो गया है। बात करें बागेश्वर जिले की तो वन विभाग के मुताबिक यहां पर अब तक आग की 35 घटनाएं सामने आई हैं। लेकिन दमकल विभाग की रिपोर्ट तो कुछ और ही कहती है। दमकल विभाग के मुताबिक यहां पर 101 जगहों पर आग बुझाई गई है। जिसके बाद कई सवाल उठने लगे हैं।

आग की घटनाओं को लेकर विभागों की रिपोर्ट में अंतर

आग के कारण बागेश्वर की जंगलों में भारी नुकसान हुआ है। वन विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक इस फायर सीजन में बागेश्वर में 35 जगहों पर जंगल धधके हैं। लेकिन दमकल विभाग के आंकड़ें कुछ और ही इशारा कर रहे हैं। दमकल विभाग वनाग्नि की घटनाओं को दिखाने में आगे है। दोोनं विभागों के आंकड़ों में भारी अंतर है।

दमकल विभाग ने 101 जगह बुझाई आग

दमकल विभाग के आंकड़ों के मुताबिक इस फायर सीजन में उन्होंने बागेश्वर जिले में 15 फरवरी से बीते छह मई तक दमकल विभाग 101 जगहों पर जंगलों में आग बुझाई है। लेकिन वन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक केवल 35 स्थानों पर ही आग लगी। दमकल विभाग से मिले आंकडो़ं के मुताबिक फायर स्टेशन बागेश्वर 15 फरवरी से बीते छह मई तक जंगल में आग लगने की 49 घटनाओं में रोकथाम कर चुका है।

जबकि फायर स्टेशन गरुड़ 40 स्थानों पर जंगलों की आग को बुझा चुका है। वहीं बात करें कपकोट फायर स्टेशन की तो अब तक 12 वनाग्नि की घटनाओं में रोकथाम की गई है। आंकड़ों में अंतर को लेकर वन विभाग का कहना है कि वन विभाग सेटेलाइट से आग की घटनाओं की गणना कर रहा है। इसलिए छोटी आग की घटनाएं इसमें दर्ज नहीं हो पा रही हैं।

24 घंटे में 68 जगह धधके जंगल

प्रदेश के जंगलों में आग का सिलसिला अभी जारी है। मंगलवार को 68 स्थानों पर आग लगी। वन विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक मंगलवार को 55 जगहों पर कुमाऊं में, पांच जगहों पर गढ़वाल में तो वहीं आठ स्थानों पर वन्य जीव क्षेत्रों में आग लगने की घटनाएं सामने आई। बीते 24 घंटे में आग की चपेट में 119.7 हेक्टेयर जंगल आने से राख हो गया।

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योगिता बिष्ट उत्तराखंड की युवा पत्रकार हैं और राजनीतिक और सामाजिक हलचलों पर पैनी नजर रखती हैंं। योगिता को डिजिटल मीडिया में कंटेंट क्रिएशन का खासा अनुभव है।