चारधाम में से एक बद्रीनाथ धाम को मोक्ष का द्वार कहा जाता है। ऐसा कहा जाता है कि बद्रीनाथ में आकर मोक्ष की प्राप्ति होती है। सतयुग में बद्रीनाथ धाम को मुक्तिप्रदा, त्रेतायुग में योगसिद्धा, द्वापरयुग में विशाला के नाम से जाना जाता था। कलियुग में इसे बद्रीकाश्रम या फिर बद्रीनाथ ने नाम से जाना जाता है। बद्रीनाथ धाम में भगवान विष्णु ध्यान मुद्रा में विराजमान हैं। आइए आपको बताते हैं कि कैसे पहुंचे बद्रीनाथ (how to reach Badrinath) ?
अलकनंदा नदी के तट पर बसा है बद्रीनाथ धाम
अगर आप भी बद्रीनाथ जाने (badrinath trip) का प्लान बना रहे हैं तो आपको ये खबर जरूर पढ़नी चाहिए। बद्रीनाथ धाम उत्तराखंड राज्य के चमोली जिले में स्थित है। बद्रीनाथ धाम हिंदू धर्म के चार धामों में से एक है। बद्रीनाथ धाम समुद्र तल से लगभग 3,100 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। जो कि अलकनंदा के तट पर बसा हुआ है। ऐसी मान्यता है कि यहां जाने से व्यक्ति के सभी पाप धुल जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।

कैसे पहुंचे बद्रीनाथ ?
बद्रीनाथ धाम के कपाट : साल में छह महीने शीत काल के लिए बंद रहते हैं। जबकि छह महीने खुले रहते हैं। अगर आपको यहां दर्शन के लिए आना हैं तो आपको देवभूमि उत्तराखंड आना होगा। सवाल ये उठता है कि बद्रीनाथ धाम पहुंचे कैसे ? तो अगर आप हवाई मार्ग से आते हैं तो सबसे पहले आपको जॉली ग्रांट हवाई अड्डा पहुंचना होगा। बद्रीनाथ जाने के लिए यही सबसे नजदीकी हवाई अड्डा है। लेकिन अगर आप ट्रेन से आ रहे हैं तो आपको ऋषिकेश आना होगा। ये सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है।
हवाई मार्ग से : हवाई मार्ग से आने पर आप जॉली ग्रांट हवाई अड्डा पहुंचेगे। यहां से आप बद्रीनाथ के लिए टैक्सी उपलब्ध है। आप टैक्सी से बद्रीनाथ जा सकते हैं। बता दें कि जॉली ग्रांट हवाई अड्डा बद्रीनाथ से 314 किलो मीटर की दूरी पर स्थित है। इसके साथ ही जॉली ग्रांट हवाई अड्डा रोजाना उड़ानों के साथ दिल्ली से अच्छे से कनेक्ट है।
रेल मार्ग से : अगर आप रेल मार्ग से आ रहे हैं तो आपको सबसे पहले ऋषिकेश पहुंचने होगा। यहां से बद्रीनाथ धाम 289 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। भारत के प्रमुख शहरों से ऋषिकेश के लिए रेल सेवा उपलब्ध है। तो आप आसानी से यहां तक आ सकते हैं। इस से आगे जाने के लिए आप टैक्सी या बस ले सकते हैं। ऋषिकेश, श्रीनगर, रुद्रप्रयाग, चमोली, जोशीमठ से बद्रीनाथ के लिए बसें उपलब्ध हैं।

सड़क मार्ग से : अगर आप सड़क मार्ग से बद्रीनाथ आना चाहते हैं तो आ सकते हैं। दिल्ली समेत देश के अन्य बड़े शहरों से हरिद्वार, देहरादून, ऋषिकेश और श्रीनगर के लिए बसें चलती हैं। आप बस से आसानी से यहां पहुंच सकते हैं। सड़ मार्ग से आप ऋषिकेश से आप देवप्रयाग, देवप्रयाग से श्रीनगर, वहां से रूद्रप्रयाग, रूद्रप्रयाग से कर्णप्रयाग से चमोली और चमोली से जोशीमठ पहुंच सकते हैं। यहां से बद्रीनाथ केवल 41 किलो मीटर की दूरी पर स्थित है।
हेली सेवा : आपको बता दें कि बद्रीनाथ धाम के लिए इस बार से हेली सेवा की सुविधा भी है। इस से आप बेहद ही कम समय में धाम तक पहुंच सकते हैं। हेली सेवा के लिए बुकिंग 25 मई से शुरू होगी। आप आईआरटीसी के पोर्टल पर जाकर बद्रीनाथ के लिए हेली सेवा की टिकट बुक करा सकते हैं।
बद्रीनाथ मंदिर में दर्शन का समय (badrinath temple timings)
बता दें कि बद्रीनाथ धाम में सुबह की आरती 4.30 से 6.30 के बीच होती है। जिसके बाद भक्त भगवान बद्रीविशाल के दर्शन करते हैं। इसके बाद दिन में एक बजे मंदिर (badrinarayan temple) थोड़ी देर के लिए बंद होता है।जिसके बाद फिर मंदिर भक्तों के दर्शन के लिए खोला जाता है। शाम को भगवान बद्रीविशाल की आरती की जाती है।

केदारनाथ से बद्रीनाथ (kedarnath to badrinath)
केदारनाथ से बद्रीनाथ के बीच की दूरी 245 किलोमीटर है। केदारनाथ से बद्रीनाथ जाने के लिए आपको पहले गौरीकुंड आना होगा। केदारनाथ से गौरीकुंड के लिए 18 किलोमीटर का ट्रैक करना पड़ेगा। यहां से पांच किलोमीटर की दूरी पर सोनप्रयाग स्थित है। यहां से बद्रीनाथ के लिए लगभग 221 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ेगा। इस दूरी को तय करने में आपको 7 से 8 घंटे का समय लग सकता है।