Adi Kailash: कैसे पहुंचे आदि कैलाश, यहां मिलेगी पूरी जानकारी

Adi Kailash: कैसे पहुंचे आदि कैलाश, यहां मिलेगी पूरी जानकारी

Yogita Bisht
3 Min Read
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How to Reach Adi Kailash: उत्तराखंड की सबसे खूबसूरत और पवित्र पर्वत चोटियों में से एक है। ये चोटी इतनी पवित्र है कि इसे भारत का कैलाश पर्वत माना जाता है। इसके साथ ही ये पंच कैलाश में से एक है। जो कि पंच कैलाश (panch kailash) में दूसरे स्थान पर आता है। जिसे छोटा कैलाश भी कहा जाता है।

कैलाश पर्वत की प्रतिकृति है Adi Kailash

आदि कैलाश यानी कि छोटा कैलाश हिंदुओं की आस्था का प्रतीक है। इस पवित्र पर्वत के प्रति लोगों की गहरी श्रद्धा है। लोग इसके अत्यधिक धार्मिक महत्व के लिए इसका सम्मान करते हैं। अगर आप आदि कैलाश को देखते हैं तो ये आपको बिल्कुल कैलाश पर्वत जैसा लगेगा।

यही कारण है जिसकी वजह से कहा जाता है कि अगर आप कैलाश पर्वत की यात्रा पर नहीं जा सकते तो उत्तराखंड में आदि कैलाश की यात्रा करें। क्योंकि इस से वही पुण्य मिलेगा जो कि कैलाश दर्शन से मिलता है।

कैसे पहुंचे आदि कैलाश (How to Reach Adi Kailash)?

How to Reach Adi Kailash आदि कैलाश उत्तराखंड के सीमांत जिले पिथौरागढ़ में स्थित है। यहां के लिए नजदीकी रेलवे स्टेशन काठगोदाम हल्द्वानी है। जबकि नजदीकी एयरपोर्ट पंंतनगर हवाई अड्डा है। हालांकि पिथौरागढ़ में भी हवाई अड्डा है लेकिन वर्तमान में वहां से फ्लाइट का संचालन नहीं किया जा रहा है।

हल्द्वानी पहुंचने के बाद अब यहां से बस या टैक्सी पिथौरागढ़ के लिए ले सकते हैं। टनकपुर रेलवे स्टेशन से भी धारचूला के लिए टैक्सी या बस ले सकते हैं। धारचूला से पांच किलोमीटर का सफर तय करने के बाद तपोवान आता है। जिसके बाद आगे बढ़ने पर आपको रास्ते में मिलता है मालपा गांव। यहां पर आप खूबसूरत झरने का दीदार कर सकते हैं।

गुंजी पहुंचने से पहले सीता पुल के करें दीदार

गुंजी पहुंचने से पहले रास्ते में आपको मिलेगा सीता पुल। यहां पर आप भारत ओर नेपाल की पहाड़ियों को जोड़ते हुए सीता पुल देख सकते हैं। जो कि लकड़ी का बना हुआ है जो कि हवा मे झूलता हुआ है। यहां से थोड़ा आगे बढ़ने पर आप पार्वती सरोवर पहुंचेंगे।

Adi Kailash के दर्शन कर मिलती है मन को शांति

यहां पर आप मशहूर शिव पार्वती मंदिर के दर्शन कर सकते हैं। इस सरोवर के पास ही काली मंदिर है। इसी के पास शेषनाग पर्वत और वेदव्यास गुफा स्थित है। यहीं से लोग आदि पर्वत के दर्शन करते हैं। बता दें कि पिथौरागढ़ से 90 किलोमीटर दूर धारचूला पहुंचने के बाद यात्रियों का स्वास्थ्य परीक्षण होता है। जिसके बाद उन्हें इनर लाइन परमिट जारी होता है।

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योगिता बिष्ट उत्तराखंड की युवा पत्रकार हैं और राजनीतिक और सामाजिक हलचलों पर पैनी नजर रखती हैंं। योगिता को डिजिटल मीडिया में कंटेंट क्रिएशन का खासा अनुभव है।