Religious : श्राद्ध में कौए को भोजन कराना कितना जरुरी? जानें क्या कहता है गरुण पुराण, पितृ पक्ष में क्यों विशेष है कौवा? - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

श्राद्ध में कौए को भोजन कराना कितना जरुरी? जानें क्या कहता है गरुण पुराण, पितृ पक्ष में क्यों विशेष है कौवा?

Renu Upreti
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How important is it to feed crows during Shraddha? Know what Garun Purana says

इस साल 17 सितंबर से पितृ पक्ष शुरु हो चुके हैं। पिचृ पक्ष में पितरों का तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध किया जाता है। ऐसा करने से पितरों को मुक्ति मिलती है और प्रसन्न होकर अपने वंशजों को आशीर्वाद देते हैं। कहा जाता है पितृ पक्ष पितरों के ऋण चुकाने का समय होता है। पितृ पक्ष के दौरान पितरों की मृत्यु तिथि पर श्राद्ध पितृ दोष से मुक्ति मिलती है और पूर्वजों की कृपा से घर में सुख समृद्धि बनी रहती है। पितृ पक्ष 2 अक्टूबर को समाप्त होगा, जिसे सर्वपितृ अमावस्या के नाम से जानते हैं।

श्राद्ध में कौए का विशेष महत्व

पितृ पक्ष में पितरों का श्राद्ध भोजन कौए को खिलाया जाता है। श्राद्ध में कौए का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि अगर कौए ने श्राद्ध का भोजन खा लिया है तो इसका मलतब है कि पितरों ने भी भोजन ग्रहण कर लिया है। पितरों के लिए बनाए गए भोजन से पंचबली भोग यानी कौए, गाय, कुत्ते, चींटी और देवों का भोग निकालना जरुरी माना जाता है। कहते हैं कि पितृ उनके रुप में धरती पर आते हैं।

पितृ पक्ष में कौए को भोजन जरुर कराएं

पितृ पक्ष में कौए को भोजन जरुर कराया जाता है। गरुण पुराण के अनुसार, कौए को यम का प्रतीक माना जाता है। अगर कौए श्राद्ध का भोजन ग्रहण कर लें तो पितरों की आत्मा तृप्त हो जाती हैं। इतना ही नहीं कौए को भोजन कराने से यमराज प्रसन्न होते हैं और पितरों की आत्मा को भी शांति मिलती है। गरुण पुरान के अनुसार यम देवता ने कौए को वरदान दिया था कि कौए को खिलाया गया भोजन पितरों की आत्मा को शांति देगा। पितृ पक्ष के दौरान कौए को भोजन कराने से कई गुना अधिक लाभ प्राप्त होगा।

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