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कैसे हल्द्वानी में फेल हो गया खुफिया तंत्र ?, उठ रहे कई सवाल

Yogita Bisht
3 Min Read
HALDWANI VOILENCE

हल्द्वानी में हुई हिंसा को लेकर अब कई सवाल उठ रहे हैं। सबसे बड़ा सवाल ये उठ रहा है कि खुफिया तंत्र कैसे और कहां फेल हो गया कि इतने बड़े खतरे को भी नहीं भांप पाए। खुफिया तंत्र इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में बुरी तरह फेल साबित हुआ जिसका खामियाजा चार लोगों को अपनी जान देकर चुकाना पड़ा।

खुफिया विभाग के अधिकारियों भनक तक नहीं लगी

हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में अराजकता के नंगे नाच को जिसने भी देखा उसके दिमाग में एक ही सवाल घूम रहा है कि खुफिया एजेंसियों से चूक हो कैसे गई। ये सवाल इसलिए भी उठ रहा है कि बनभूलपुरा में एलआईयू और खुफिया विभाग के अधिकारी, कर्मचारी लगभग हर दिन घूमते रहते हैं। लेकिन इसके बावजूद इतनी बड़ी साजिश के बारे उन्हें भनक तक नहीं लग पाई।

पुलिस भी नहीं समझ पाई माहौल

खुफिया विभाग तो नहीं समझ पाया लेकिन रोजाना इलाके में गश्त करने वाली पुलिस भी यहां का माहौल नहीं समझ पाई। इसी के चलते गुरूवार को इतना बड़ा हंगामा यहां हो गया। मौके पर तो पुलिस से लेकर खुफिया तंत्र एक्टिव नजर आया लेकिन इतने बड़े बवाल की आशंका को भांपने में हर कोई नाकाम रहा।

हल्द्वानी हिंसा का जिम्मेदार कौन ?

मिली जानकारी के मुताबिक एलआईयू कर्मचारी बीते बुधवार से ही इलाके में सक्रिय थे। लेकिन इसके बावजूद भी इस बारे में उन्हें कोई भी इनपुट ना मिल पाना सवाल तो कई उठाता है। हिंसा के कई वीडियो सामने आए हैं। जिसमें साफ देखा जा सकता है कि स्थानीय लोग पूरी तैयारी में थे। काफी मात्रा में पत्थर इकट्ठा किए गए थे। आगजनी के लिए पेट्रोल बम बनाए गए थे। डीएम ने भी अपने बयान में कहा है कि ये एक प्री प्लान घटना है। लेकिन इसके बावजूद खुफिया तंत्र इस चिंगारी को भांप नहीं पाया।

बता दें कि ये इलाका पहले से ही बेहद ही संवेदनशील माना जाता है। साल 2007 में भी हल्द्वानी में बवाल हुआ था। इसके बावजूद यहां पर इंटेलीलीजेंस क्यों फेल हो गई। लेकिन इसके साथ ही सबसे बड़ा सवाल यहां पर ये उठता है कि इस हिंसा का जिम्मेदार आखिर कौन है ? इसके साथ ही सवाल उठता है कि किसके कारण चार लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी।

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योगिता बिष्ट उत्तराखंड की युवा पत्रकार हैं और राजनीतिक और सामाजिक हलचलों पर पैनी नजर रखती हैंं। योगिता को डिजिटल मीडिया में कंटेंट क्रिएशन का खासा अनुभव है।