Uttarakhand Loksabha Elections : 1982 जैसा होने जा रहा है पौड़ी लोकसभा चुनाव, आमने सामने होंगे दो ब्राह्मण चेहरे - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

1982 जैसा होने जा रहा है पौड़ी लोकसभा चुनाव, आमने सामने होंगे दो ब्राह्मण चेहरे

Sakshi Chhamalwan
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1982 जैसा होने जा रहा है पौड़ी लोकसभा चुनाव, आमने सामने होंगे दो ब्राह्रमण चेहरे

1982 के बाद एक बार फिर पौड़ी गढ़वाल सीट हॉट सीट बनती जा रही है। कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने इस सीट के लिए ब्राह्मण चेहरे पर दांव खेला है। भाजपा ने जहां अनिल बलूनी को मैदान में उतारा है। वहीं कांग्रेस ने गणेश गोदियाल पर दांव खेला है। बता दें संसदीय चुनावों के इतिहास में यह सीट साल 1982 में हुए उप चुनाव में दुनिया की नजरों का केंद्र बन गई थी।

इतिहास में दर्ज हुआ 1982 का उपचुनाव

इतिहास के पन्नो में एक नजर डाले तो तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से अनबन के बाद कांग्रेस छोड़ चुके राष्ट्रीय नेता हेमवती नंदन बहुगुणा निर्दलीय चुनाव लड़ रहे थे। सामने कांग्रेस के उम्मीदवार चंद्रमोहन सिंह नेगी थे। लेकिन सीधा मुकाबला पीएम इंदिरा गांधी से था। पूरी केंद्र सरकार की ताकत झोंकने के बाद हेमवती जीत गए और ये उप चुनाव इतिहास में दर्ज हो गया।

मतदाताओं की ताकत का हुआ था अहसास

वर्ष 1982 में हुए उप चुनाव की स्मृति आज भी पहाड़ के मतदाताओं में सिहरन पैदा करती है। दुनिया ने इस चुनाव में सत्ता का दुरुपयोग भी देखा तो मतदाता की ताकत का अहसास भी गढ़वाल सीट ने ही दुनिया को कराया। असल में वर्ष 1980 में लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल का गठन से पहले ही प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी व गढ़वाल सांसद हेमवती नंदन बहुगुणा के बीच मतभेद शुरू हो गए।

PM से नाराजगी के चलते दिया था बहुगुणा ने इस्तीफा

बहुगुणा ने इंदिरा गांधी से नाराजगी के चलते कांग्रेस के साथ ही संसद सदस्य के पद से भी इस्तीफा दे दिया। इससे पौड़ी लोकसभा सीट खाली हो गई। इस सीट पर साल 1981 में उपचुनाव हुआ। लेकिन जिलाधिकारी गढ़वाल की एक रिपोर्ट पर निर्वाचन आयोग ने चुनाव रद्द कर दिया। गढ़वाल सीट पर दोबारा वर्ष 1982 को उपचुनाव हुआ।

निर्दलीय प्रत्याशी ने भारी मतों से की थी जीत हासिल

तत्कालीन केंद्र सरकार ने जीत के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी। इससे पहली बार संसदीय चुनाव के इतिहास में यह सीट दुनिया की नजरों में आ गई। उपचुनाव पूरी तरह इंदिरा बनाम पहाड़ हो गया। इसमें मतदाता की ताकत के आगे सत्ता का दुरुपयोग हार गया। निर्दलीय प्रत्याशी हेमवती नंदन बहुगुणा भारी मतों से कांग्रेस प्रत्याशी चंद्रमोहन सिंह नेगी से जीत गए।

आयकर के नोटिस के बाद आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी

साल 2024 के चुनाव में सत्तारूढ़ दल भाजपा के पूर्व राज्य सभा सांसद अनिल बलूनी व कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल गढ़वाल लोकसभा सीट से आमने-सामने हैं। इस चुनावी समर में आरोप प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है। कांग्रेस प्रत्याशी गणेश गोदियाल को आयकर, श्रम विभाग समेत चार विभागों से नोटिस आए हैं।

वैसे तो विभागीय नोटिस आना कोई असामान्य बात नहीं है। लेकिन चुनाव के दौरान नोटिस को कांग्रेस दबाव की राजनीति से जोड़कर देख रही है। पीसीसी के उपाध्यक्ष संगठन एमडीआई जोशी का कहना है कि सत्तारूढ़ दल को गणेश गोदियाल के मुकाबले अपना प्रत्याशी कमजोर लग रहा है। इसलिए उन्हें इस तरह के नोटिस भिजवाए जा रहे हैं।

जबरदस्त होगा पौड़ी सीट पर मुकाबला

जोशी ने कहा कि पौड़ी गढ़वाल संसदीय क्षेत्र में राठ क्षेत्र हो या बदरीनाथ, केदारनाथ गणेश गोदियाल ने सराहनीय कार्य किए हैं। लोग उनके कार्यों की सराहना करते हैं। उनकी सभाओं में लोगों की भीड़ से भारतीय जनता पार्टी को गढ़वाल सीट हाथ से निकलती नजर आ रही है। जिसके कारण ही वह इस तरह के पैतरे अपना रहे हैं।

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Sakshi Chhamalwan उत्तराखंड में डिजिटल मीडिया से जुड़ीं युवा पत्रकार हैं। साक्षी टीवी मीडिया का भी अनुभव रखती हैं। मौजूदा वक्त में साक्षी खबरउत्तराखंड.कॉम के साथ जुड़ी हैं। साक्षी उत्तराखंड की राजनीतिक हलचल के साथ साथ, देश, दुनिया, और धर्म जैसी बीट पर काम करती हैं।