Big News : Uttarakhand Election : अल्मोड़ा लोकसभा सीट पर कभी था कांग्रेस का दबदबा, अब बीजेपी कर रही राज, जानिए इसका इतिहास - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

Uttarakhand Election : अल्मोड़ा लोकसभा सीट पर कभी था कांग्रेस का दबदबा, अब बीजेपी कर रही राज, जानिए इसका इतिहास

Yogita Bisht
4 Min Read
अल्मोड़ा लोकसभा सीट

उत्तराखंड की पांच लोकसभा सीटों में सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा की लोकसभा सीट की अपनी अला ही पहचान है। आपको ये जानकर हैरानी होगी की जिस सीट पे पिछले कुछ दशकों से बीजेपी राज कर रही है कभी इसी सीट पर कांग्रेस का दबदबा हुआ करता था। यहां तक की अल्मोड़ा के पहले सांसद भी कांग्रेस से ही थे।

अल्मोड़ा लोकसभा सीट पर कभी था कांग्रेस का दबदबा

अल्मोड़ा पिथौरागढ़ लोकसभा सीट के अंदर बागेश्‍वर, चंपावत, पिथौरागढ़ और अल्‍मोड़ा ये चार जिले आते हैं। आपको बता दें कि अल्मोड़ा की ये सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। पिछले कुछ सालों से इस सीट के लिए बीजेपी और कांग्रेस के बीच कांटे का मुकाबला हो रहा है जिसमें बीजेपी ने ही बाजी मारी है। लेकिन एक वक्त ऐसा था जब अल्मोड़ा की ये लोकसभा सीट कांग्रेस के कब्जे में थी।

साल 1957 में अल्मोड़ा पिथौरागढ़ लोकसभा सीट के लिए पहली बार चुनाव हुए। जिसमें कांग्रेस का मुकाबला प्रजा सोशलिस्ट पार्टी से था। 1957 के इस इलेक्शन में कांग्रेस को 49,549 वोट मिले थे और प्रजा सोशलिस्ट पार्टी को 40,422 वोट मिले थे। जिसके बाद कांग्रेस पार्टी के हर गोविंद इस सीट से पहली बार सांसद बने और फिर साल 1971 तक जितने भी लोकसभा चुनाव हुए उसमें कांग्रेस ने ही जीत हासिल की।

अल्मोड़ा लोकसभा सीट का इतिहास

  • साल 1962 में कांग्रेस के जंग बाहदुर बिष्ट ने 51,507 मतों से जीत हासिल की।
  • साल 1967 में जे बी सिंह को 59,388 वोट मिले और उन्होंने जीत हासिल की।
  • साल 1971 में नरेद्र सिंह को 89,751 मतों से जीत हासिल की।
  • साल 1977 में इस लोकसभा सीट पर कांग्रेस का दबदबा तोड़ते हुए भारतीय लोक दल के मुरली मनोहर जोशी ने 153,409 मतों से जीत हासिल की।
  • साल 1980 में कांग्रेस ने एक बार फिर ये सीट जीत ली और हरीश रावत सांसद बन गए। हरीश रावत ने सन 1989 तक यहां कांग्रेस का परचम लहराया।

साल 1991 के आम चुनाव में पलटा पासा

  • साल 1991 के आम चुनाव में बीजेपी के जीवन सिंह ने 149761 वोटों से यहां जीत हासिल की।
  • साल 1996 में बच्ची सिंह रावत ने इस सीट पर बीजेपी का कब्जा बरकरार रखा।
  • साल 2004 तक बच्ची सिंह इस सीट से लगातार जीतते गए।
  • साल 2009 में जहां एक तरफ कांग्रेस पार्टी से प्रदीप टम्टा चुनाव लड़ रहे थे वहीं बीजेपी ने अजय टम्टा को टिकट दिया। इस आम चुनाव में अल्मोड़ा की ये लोकसभा सीट कांग्रेस की झोली में ही गई।
  • साल 2014 में बीजेपी के अजय टम्टा ने इस सीट पर बाजी मार ली और फिर उन्होंने मुड़ कर नहीं देखा और साल 2019 में भी अजय टम्टा ने ही जीत हासिल की। इस साल एक बार फिर से आम चुनाव में यही दो चहरे आमने-सामने हैं।

सबसे ज्यादा महिला वोटर्स वाली सीट है अल्मोड़ा सीट

आपको बता दें की अल्मोड़ा लोकसभा सीट पर सबसे ज्यादा महिला वोटर्स हैं। जहां एक तरफ अल्मोड़ा में महिला वोटर्स का आंकड़ा 2 लाख 60 हजार से ऊपर पहुंच गया है। तो वहीं यहां युवा वोटर्स भी निर्णायक भूमिका में रहते हैं। साल 2024 के लोकसभा चुनाव में भी एक बार फिर चार साल से एक दूसरे को टक्कर का मुकाबला देने वाले प्रदीप टम्टा और अजय टम्टा एक बार फिर आमने सामने हैं। अब देखना ये होगा की अल्मोड़ा की इस लोकसभा सीट में आखिर कौन सबसे ज्यादा युवाओं और महिलाओं को खुद पर विश्वास दिला पाता है।

Share This Article
Follow:
योगिता बिष्ट उत्तराखंड की युवा पत्रकार हैं और राजनीतिक और सामाजिक हलचलों पर पैनी नजर रखती हैंं। योगिता को डिजिटल मीडिया में कंटेंट क्रिएशन का खासा अनुभव है।