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पुलिस द्वारा पत्रकार की पिटाई मामले में हाईकोर्ट ने मांगा जवाब, बिना किसी कारण के हवालात में बंद करने हैं आरोप

Yogita Bisht
3 Min Read
NAINITAL HIGH COURT (2)

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने खटीमा में चौकी इंचार्ज के द्वारा पत्रकार के साथ मारपीट करने और उसे बिना किसी कारण के हवालात में बंद के मामले में जवाब मांगा है। हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए इस मामले में चार हफ्ते के भीतर जवाब मांगा है।

चार सप्ताह में जवाब पेश करने के निर्देश

खटीमा में चौकी इंचार्ज के द्वारा पत्रकार के साथ मारपीट करने व उसे बिना किसी कारण के हवालात में बंद करने का मामला सामने आया हैय़ इस मामले में हाईकोर्ट ने आज सुनवाई की। मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खण्डपीठ ने राज्य सरकार सहित एसएसपी उधम सिंह नगर और एसएचओ खटीमा को चार हफ्ते में जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं।

13 मई को होगी मामले की अगली सुनवाई

मामले की अगली सुनवाई 13 मई को होगी। बता दें कि खटीमा निवासी पत्रकार दीपक यादव ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। जिसमें उन्होंने कहा है कि 21 फरवरी को उनका पुत्र दीपक यादव सात बजे प्लाट में मकान का काम देखकर अपने घर खटीमा वापस आ रहा था। इसी बीच उसकी कुछ लोगों के साथ के साथ कहासुनी हो गई थी। जिसकी जानकारी उनके पुत्र ने उन्हें फोन पर दी।

बिना किसी कारण के पत्रकार को हवालात में किया बंद

पत्रकार दीपक यादव ने कहा कि जैसे ही उन्हें घटना की जानकारी मिली तोवो घटना स्थल पर पहुंचे। लेकिन इस से पहले ही वहां पर चौकी इंचार्ज संदीप पिलखवाल पहुंचे हुए थे। जब मामले की जानकारी पत्रकार ने उनसे मांगी तो पहले तो चौकी इंचार्ज संदीप पिलखवाल ने उनके साथ गाली-गलौज की और फिर गाड़ी में बिठाकर अपने साथ थाने ले गए और बिना किसी कारण के उन्हें हवालात में बंद कर दिया।

फर्जी तरीके से चलान कर स्कूटी भी की सीज

उन्होंने याचिका में कहा है कि पुलिस ने फर्जी तरीके से चलान करके उनकी स्कूटी भी सीज कर दी। जब मामले की जानकारी उनके अन्य पत्रकार बंधुओं को मिली तो वो दीपक से मिलने के लिए थाने गए। लेकिन उन्हें दीपक से मिलने नहीं दिया गया। इसके बाद उनके द्वारा इसकी शिकायत एसएसपी और मुख्यमंत्री से भी की गई। लेकिन अभी तक उनकी शिकायत पर चौकी इंचार्ज के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं किया गया। याचिकाकर्ता ने कोर्ट से प्रार्थना की है कि चौकी इंचार्ज के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए।

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योगिता बिष्ट उत्तराखंड की युवा पत्रकार हैं और राजनीतिक और सामाजिक हलचलों पर पैनी नजर रखती हैंं। योगिता को डिजिटल मीडिया में कंटेंट क्रिएशन का खासा अनुभव है।