Big News : पिथौरागढ़ के 292 प्राइमरी स्कूलों में है अध्यापकों की कमी, धामी सरकार से हाईकोर्ट ने मांगी रिपोर्ट - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

पिथौरागढ़ के 292 प्राइमरी स्कूलों में है अध्यापकों की कमी, धामी सरकार से हाईकोर्ट ने मांगी रिपोर्ट

Yogita Bisht
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NAINITAL HIGH COURT (2)

पिथौरागढ़ के 292 प्राइमरी स्कूलों में अध्यपकों की कमी को लेकर दायर जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने धामी सरकार से जवाब मांगा है। कोर्ट ने पूछा है कि ऐसे कितने स्कूल है जिनमें टीचरों की कमी है। कोर्ट ने धामी सरकार से चार हफ्ते के भीतर जवाब देने को कहा है।

धामी सरकार से हाईकोर्ट ने मांगी रिपोर्ट

पिथौरागढ़ के 292 प्राइमरी स्कूलों में अध्यापकों की कमी है। इस पर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सरकार से चार हफ्ते के अंदर जवाब देने को कहा है। कोर्ट ने पूछा है कि कितने स्कूल हैं जिनमें अध्यापकों की कमी है, जिनमें छात्र नहीं है और जिनके भवन जीर्णशीर्ण हालत में ऐसे कितने स्कूल हैं। इस मामले में कोर्ट ने केंद्र सरकार को भी रिपोर्ट देने के लिए कहा है।

राजेश पांडे ने हाईकोर्ट में दायर की थी याचिका

पिथौरागढ़ निवासी राजेश पांडे ने हाईकोर्ट में पिथौरागढ़ के स्कूलों में टीचरों की कमी को लेकर जनहित याचिका दायर की। उन्होंने याचिका में कहा था कि पिथौरागढ़ जिले के 292 ऐसे प्राइमरी स्कूल हैं जिनमें एक-एक शिक्षक नियुक्त हैं। कुछ स्कूल तो ऐसे हैं जिनमें छात्रों की संख्या 11, 21, 24 है। लेकिन इन स्कूलों में अध्यापक नहीं हैं। जबकि कुछ स्कूलों में तो भवन खस्ताहाल हैं जो कभी भी गिर सकते हैं। याचिका में कहा गया कि सरकार उनके बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ कर रही है। सरकार ने स्कूल तो खोले लेकिन अध्यापकों की नियुक्ति नहीं की।

स्कूलों में अध्यापकों की नियुक्ति कराई जाए

जनहित याचिका में हाईकोर्ट से ये प्रार्थना की गई कि स्कूलों में अध्यापकों की नियुक्ति कराई जाए। इसके साथ ही स्कूल भवनों को सुधारा जाए। मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी एवं न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने इस मामले की सुनवाई की। सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से कहा गया कि जिन स्कूलों में छात्र नही हैं और जिनमें छात्रों की संख्या कम रह गई है उनको दूसरे स्कूलों में मर्ज कर दिया गया है।

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योगिता बिष्ट उत्तराखंड की युवा पत्रकार हैं और राजनीतिक और सामाजिक हलचलों पर पैनी नजर रखती हैंं। योगिता को डिजिटल मीडिया में कंटेंट क्रिएशन का खासा अनुभव है।