मुख्तार अंसारी के शव को शनिवार को गाजीपुर के कालीबाग कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। इस दौरान मुख्तार को अंतिम विदाई देने के लिए भारी भीड़ उमड़ पड़ी। दूर-दूर से हजारों की संख्या में पहुंचे समर्थकों में हर कोई मुख्तार को मिट्टी देना चाहता था जबकि प्रशासन की कोशिश सिर्फ परिवारजनों को कब्रिस्तान के अंदर जाने देने की थी। इस दौरान कुछ समर्थकों को मिट्टी देने से रोके जाने पर मुख्तार के भाई और सांसद अफजाल अंसारी से डीएम आर्यका अखौरी की तीखी नोंकझोंक हो गई।
डीएम और अफजाल के बीच तीखी नोंकझोंक
अफजाल अंसारी ने डीएम से कहा कि ये आपकी कृपा पर नहीं है कि आप तय करें करें कि ये लोग ही मिट्टी देंगे। इस पर डीएम ने कहा कि मैं जिलाधिकारी हूं। आपने परमिशन नहीं ली है। हम विधिक कार्रवाई करेंगे। इस पर सांसद अफजाल अंसारी ने कहा कि आप कुछ भी हों, मिट्टी देने के लिए या अपने धार्मिक प्रायोजन के लिए किसी परमिशन की जरुरत नहीं है। इस पर डीएम ने अफजाल अंसारी को याद दिलाया कि गाजीपुर में धारा-144 लागू की गई है। तब सांसद अंसारी ने कहा कि धारा-144 में भी अंतिम संस्कार के लिए परमिशन नहीं लेनी होती है।
हार्ट अटैक से हुई मुख्तार की मौत
बता दें कि गुरुवार की रात बांदा की जेल में मुख्तार अंसारी को हार्ट अटैक आया था। बाद में उनकी अस्पताल में मौत हो गई। पोस्टमार्टम के बाद मुख्तार के शव को लेकर शुक्रवार की रात 1:15 बजे एंबुलेंस गाजीपुर के मोहम्मदाबाद स्थित मुख्तार अंसारी के घर पहुंची। यहां मुख्तार की मौत की खबर के बाद से ही समर्थकों का तांता लग गया। पुलिस ने चप्पे-चप्पे पर निगरानी के इंतजाम कर रखे थे। भीड़ को संभालने के लिए डीएम, एसपी समेत जिले के सभी बड़े अधिकारी, पुलिस फोर्स और अर्द्धसैनिक बलों के जवान रात से ही मुस्तैद थे।