Big News : देवभूमि के लाल को मरणोपरांत मिलेगा सेना मेडल, रिटायरमेंट के 8 महीने पहले हुए थे शहीद - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

देवभूमि के लाल को मरणोपरांत मिलेगा सेना मेडल, रिटायरमेंट के 8 महीने पहले हुए थे शहीद

Reporter Khabar Uttarakhand
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लालकुआं : उत्तराखंड के कई जवान सीमा पर खड़े रहकर देश की रक्षा कर रहे है। जवानों ने दुश्मनों को खदेड़ा और भारत माता की रक्षा की। इसमे शामिल हैं उत्तराखंड के पिथौरागढ़ निवासी शहीद हवलदार गोकर्ण सिंह चुफाल, जिन्होंने आतंकवादियों से लोहा लिया और उनकी साजिशें नाकाम की। बता दें कि अब शहीद जवान को मरणोपरांत सेना मेडल से सम्मानित किया जाएगा। ये मेडल राष्ट्रपति के हाथों उनकी पत्नी को मिलेगा. इसका ऐलान दिल्ली में 15 अगस्त को हुआ।

दिसंबर 2020 में ही होने वाले थे रिटायर

आपको याद दिला दें कि 21 कुमाऊं रेजिमेंट में हवलदार गोकर्ण सिंह 3 मई 2020 में जम्मू कश्मीर के बारामुला में आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए थे। बता दें कि शहीद गोकर्ण सिंह दिसंबर 2020 में ही रिटायर होने वाले थे लेकिन उसी साल वो देश के लिए शहीद हो गए। शहीद गोकर्ण सिंह हवलदार के पद पर तैनात थे। गोकर्ण सिंह ने बारामुला में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में अदम्य साहस, पराक्रम और शौर्य का परिचय दिया था। उनकी इस वीरता को देखते हुए उन्हें सरकार द्वारा मरणोपरांत सेना मेडल दिया जा रहा है। ये मेडल उनकी पत्नी को राष्ट्रपति द्वारा दिया जाएगाष इसकी घोषणा 15 अगस्त को दिल्ली में हुई थी।

बारामुला में आतंकवादियों से लोहा लेते हुए थे शहीद

आपको बता दें कि 1 मई 2020 को मूल रूप से पिथौरागढ़ जनपद के मुनस्यारी ब्लॉक के नापड़ गांव निवासी हवलदार गोकर्ण सिंह ( 41 वर्ष) ने उत्तरी कश्मीर के बारामुला में आतंकवादियों से लोहा लेते हुए अपनी शहादत दी थी। मुठभेड़ में 21 कुमाऊं रेजीमेंट के इस जांबाज़ सैनिक ने आज अदम्य साहस, शौर्य एवं पराक्रम का परिचय दिया था।  भारतीय सेना द्वारा इसकी घोषणा 15 अगस्त को दिल्ली में की गई है। हालांकि इस पर उनकी पत्नी का कहना है कि अभी उन्हें सम्मानित करने के लिए बुलावा नहीं आय़ा है।

बता दें कि शहीद गोकर्ण का परिवार वर्तमान में हल्द्वानी के मोटहल्दू स्थित पदमपुर देवालिया में रहता है। शहीद गोपाल सिंह दिसंबर 2020 में सेवानिवृत्त होने वाले थे। लेकिन उससे पहले ही वह वीरगति को प्राप्त हो गए। उत्तराखंड के इस वीर सैनिक को मरणोपरांत सेना मेडल मिलने पर देशवासी अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।

पिता भी थे सेना में

मुनस्यारी विकासखंड के नापड़ निवासी गोकर्ण सिंह(41) पुत्र गंगा सिंह 21 कुमांऊ रेजीमेंट में तैनात थे। वह 16 दिसंबर 1996 को सेना में भर्ती हुए थे। वो अपने पीछे पत्नी गीता, पुत्र मनीष (15) और पुत्री चांदनी (13) को छोड़ गए। गोकर्ण सिंह के माता-पिता का देहांत हो चुका है। उनके पिता भी सेना में थे।

 

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