हरीश रावत और नीतीश कुमार की मुलाकात हुई है। हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी है। ये मुलाकात 2024 के चुनावों के मद्देनजर विपक्षी एकता को मजबूत करने के लिए हुई है।
दोनों के बीच हुई राजनीतिक चर्चा
दरअसल गुरुवार को कांग्रेस महासचिव हरीश रावत ने पटना में बिहार के सीएम नीतीश कुमार से मुलाकात की है। दोनों के बीच राजनीतिक बातचीत हुई है। हालांकि जब हरदा से मीडिया ने पूछा कि, क्या उन्हें पार्टी हाईकमान द्वारा किसी खास मिशन के तहत नीतीश कुमार के पास भेजा गया था। इस पर हरीश रावत ने टिप्पणी करने से साफ इनकार कर दिया।
हरीश रावत ने बुधवार की शाम नीतीश कुमार से हुई अपनी मुलाकात की एक तस्वीर को सोशल मीडिया पर शेयर भी किया। ट्वीट कर हरीश रावत ने लिखा ”2024 में विपक्ष की एकता की बुलंद आवाज नीतीश कुमार” हरीश रावत ने इस बाबत कहा कि नीतीश कुमार मेरे पुराने दोस्त हैं। उन्होंने कहा कि वो पटना में उनके अच्छे कामों की सराहना करने के लिए गए थे। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार पटना में अच्छा काम कर रहे हैं। अच्छे काम को नमस्कार करना सबका दायित्व होता है। उन्होंने इस बात को स्वीकार किया कि दोनों नेताओं के बीच राजनीतिक चर्चा हुई है।
‘हम कोई संत नहीं’
हरीश रावत ने कहा कि जब दो राजनीतिक लोग मिलते हैं तो राजनीतिक बात तो होती ही है। हम कोई संत तो हैं नहीं। बता दें कि कांग्रेस महासचिव हरीश रावत की बिहार के सीएम नीतीश कुमार से इस मुलाकात को खास माना जा रहा है क्योंकि साल 2024 में लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी महागठबंधन को मजबूत करने में लगी हुई है।