Dehradun : हरदा बोले : हिम्मत है तो ललकारो, सत्य कितना ही कड़वा हो, मगर है तो सत्य ही - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

हरदा बोले : हिम्मत है तो ललकारो, सत्य कितना ही कड़वा हो, मगर है तो सत्य ही

Reporter Khabar Uttarakhand
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bjp goverment in uttarakhand

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देहरादून : एक बार फिर से सोशल मीडिया के जरिए पूर्व सीएम हरीश रावत ने भाजपा सरकार पर हमला किया है। हरीश रावत ने फेसबुक पर एक लंबी चौड़ी पोस्ट लिखकर शेयर की है जिसमे हरीश रावत ने भाजपा सरकार को ललकार और कहा हिम्मत है, तो ललकारो। वहीं बता दें कि अपनी पोस्ट के जरिए हरीश रावत सरकार ने अपनी सरकार के समय के काम गिनवाए। इस पोस्ट को हरीश रावत ने सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत को टैग किया है।

हरीश रावत की पोस्ट

हरीश रावत ने लिखा कि भाजपा, मुझे 2017 का फ्लॉप हीरो बता रही है। थैंक्यू दोस्तों, सत्य कितना ही कड़वा हो, मगर है तो सत्य ही। मगर याद रहे हीरो और फ्लॉप हीरो बनाने वाली जनता जनार्दन ही है। मेरे हाथ में कर्म था, यदि आपको प्रिय लगने वाले शब्द में कहूँ तो इस फ्लॉप हीरो ने #उत्तराखंड के विकास को फ्लॉप नहीं होने दिया। मैं कुछ बोलने वाले तथ्य भाजपा के दोस्तों को बताना चाहता हूँ, मेरे नेतृत्व में आपदा पुनर्वास और पुनार्निमाण में जो कार्य हुआ, उसे श्री केदारनाथ धाम में उदाहरण स्वरूप देखा जा सकता है। मोदी जी, घंटों ध्यान लगाने के बाद भी मेरी सरकार की इस उपलब्धि को हिंदू मानस से मिटा नहीं पा रहे हैं, यहाँ तक की चारधाम यात्रा सुधार मार्ग भी मेरे कार्यकाल में स्वीकृत हुआ और प्रधानमंत्री जी ने मेरी अध्यक्षता में प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया, दैवीय आपदा से पूरी तरीके से क्षतिग्रस्त हुये क्षेत्र में ऐतिहासिक नंदाराज यात्रा, भविष्य के लिये एक रिकार्ड स्थापित करके गई है, 50 हजार से ऊपर की यात्रा में किसी के पांव में खरोच भी नहीं आयी, अर्धकुंभ में बिना केंद्र सरकार की मदद के मैंने जो स्थाई निर्माण कार्य करवाये, उसकी तुलना में आपकी सरकार शून्य पर खड़ी है, मैंने खेल-कूद, मोटर मार्गों, विघुत गृहों और संप्रेक्षण योजनाओं का जाल बिछाया, आपकी सरकार उनकी रख-रखाव व मरमम्त नहीं कर पा रही है। आपदाग्रस्त उत्तराखंड में जितने MSME उघोग मेरे कार्यकाल में खड़े हुये, भाजपा उसकी तुलना में कहीं भी खड़ी नहीं है। मेरे द्वारा स्वीकृत और संचालित डिग्री कॉलेजेज, इंजीनियरिंग कॉलेजेज, मेडिकल कॉलेजेज, नर्सिंग कॉलेजेज, स्पोर्टस कॉलेज, पॉलिटेक्निक कॉलेजेज, आई.टी.आई. कॉलेजेज का संचालन करना तो छोड़िये, आप उन्हें बंद कर रहे हैं। मेरे समय में स्वीकृत और निर्माणाधीन 18 लिफ्ट पेयजल योजनाओं, शिल्प संस्थान, सहासिक खेल संस्थान, भाषा-बोली संस्थान के कार्य को आप आगे नहीं बढ़ा पा रहे हैं। कहानी लंबी है, एक कहावत है, “निम्खण रजै की कथे कथ” दोस्तों फ्लॉप हीरो और भी ढेरों आंकड़े देने को तैयार है।

                                            हिम्मत है, तो ललकारो।

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