राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) रविवार को चंपावत जिले के भ्रमण पर पंहुचे। यहं उन्होंने भारत-नेपाल सीमा स्थित बनबसा में एसएसबी तथा भारतीय सेना के वीर सैनिकों से मिलकर उनकी हौसला अफजाई की। उन्होंने 26 राजपूत पल्टन बनबसा में सेना के द्वारा आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग कर सेना के जवानों से मुलाकात कर सेना में की गई सेवा के अपने अनुभव साझा किए।
राज्यपाल ने बनबसा में सैनिकों से की मुलाकात
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) रविवार को चंपावत पहुंचे। भ्रमण के दौरान राज्यपाल द्वारा भारत-नेपाल सीमा पर एसएसबी के मैत्री गेट में क्षेत्र के भूतपूर्व सैनिकों से भी मुलाकात कर उनकी कुशलक्षेम जानी। अपने भ्रमण के दौरान राज्यपाल सीधे सीमा के प्रहरी वीर जवानों से मिले। उन्होंने अपने बनबसा में सेना में की गई 3 साल के सेवाकाल को याद करते हुए अपने अनुभव उनके साथ साझा किए। राज्यपाल ने कहा कि वो ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि उन्हें वो अगले जनम में भी एक फौजी ही बने ताकि वो राष्ट्र की रक्षा व सेवा कर सके।
जवानों के समर्पण और कर्तव्यनिष्ठा पर हम सभी को है गर्व
बनबसा एसएसबी कैम्प में नए एसएसबी प्रशिक्षुओं से भी मिले। राज्यपाल ने उन्हें विभिन्न ड्यूटी के दौरान हमेशा अलर्ट रहने के साथ ही आत्मविश्वास बनाए रखने की बात कही। राज्यपाल ने कहा कि विषम परिस्थितियों में हमारे जवानों द्वारा निःस्वार्थ सेवाभाव से अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया जा रहा है। इन जवानों के समर्पण और कर्तव्यनिष्ठा पर हम सभी को गर्व है।
राज्यपाल ने कहा कि इस सीमा क्षेत्र में एक अलग चुनौती है और उन्हें हमेशा अलर्ट रहना होगा। उन्होंने जवानों से उनकी समस्याओं तथा चुनौतियों के बारे में भी जानकारी ली। भ्रमण के दौरान माननीय राज्यपाल ने एसएसबी कैम्प परिसर में पौधरोपण भी किया। इस दौरान एसएसबी के कमांडेंट मनोहर द्वारा सुरक्षा कार्यों व अन्य गतिविधियों के बारे में विभिन्न जानकारी राज्यपाल को दी।
सैनिक देश सेवा कर रहे हैं तभी जनता चैन की नींद ले रही है
राज्यपाल बनबसा स्थित सेना परिसर भी पंहुचे। जहाँ उन्होंने 3 साल तक कर्नल के पद पर सेवा की थी। यहां पंहुचकर उन्होंने वीर सैनिकों से मुलाकात की और उन्हें अपने सेना में सेवाकाल के विभिन्न अनुभव साझा किए। उन्होंने कहा कि ये उनका परम सौभाग्य है कि उन्हें सेना में सेवा करने का अवसर प्राप्त हो रहा है। उन्होंने कहा कि सीमा में वो तैनात रहकर देश की सेवा कर रहे हैं, तभी देश की जनता चैन की नींद ले रही है।