क्या आप Incognito Mode का इस्तेमाल करते हैं तो ये खबर आपके लिए हैं। क्योंकि अब गूगल इन्कॉग्निटो मोड के सर्च डेटा को हटाने जा रहा है। गूगल का कहना है कि वह इसका कुछ सर्च डेटा डिलिट करने जा रहा है। इसके पीछे की वजह 5 बिलियन डॉलर वाला प्राइवेसी लॉ सूट है। गूगल ने इस मुकदमे को सुलझाने के लिए समझौता किया है। समझौते के रुप में गूगल ने बड़ी मात्रा में सर्च डेटा हटाने पर सहमति जताई है। मुकदमे में आरोप लगाया गया कि गूगल उन लाखों अमेरिकी यूजर पर नजर रख रहा है जो मानते थे कि वे प्राइवेट तौर पर इंटरनेट ब्राउज कर रहे हैं।
पारदर्शिता की ओर ऐतिहासिक कदम
रिपोर्ट के मुताबिक फाइलिंग में वकील डेविड बोइस ने टिप्पणी की, यह समझौता कंपनियों के लिए काफी जरुरी है। इससे यूजर्स के प्रति वे और भी ईमानदार हो सकेंगे। साथ ही यूजर को पता चल सकेगा कि कंपनियां यूजर डेटा कैसे इकट्ठा करती है और उसका उपयोग कैसे करती हैं। या फिर इकट्ठा किए गए डेटा को कैसे हटाती है और सुधारती है। यह समझौता टेक्नोलॉजी कंपनियों को उनके डेटा स्टोरेज के लिए जवाबदेह बनाने की दिशा में एक महत्तवपूर्ण कदम है।
30 जुलाई को होगी सुनवाई
अब 30 जुलाई को सुनवाई होगी। इस सुनवाई में यह तय किया जाएगा कि इस डील की मंजूरी दी जाए या नहीं। इससे गूगल को क्लास-एक्शन सूट से बचने की अनुमति मिल सकेगी। इसे लेकर गूगल के प्रवक्ता जॉर्ज कास्टानेडा ने कहा, हम इस मुकदमे को निपटाने से काफी खुश है। जॉर्ज ने यह भी बताया कि गूगल व्यक्तियों से जुड़े पुराने टेक्नीकल डेटा को हटाने वाला है. ये वो डेटा होगा जो अभी इस्तेमाल में नहीं लाया जा रहा है।
इन्कॉग्निटो मोड की क्यों होगी जांच?
मुकदमें का केंद्र गूगल के क्रोम ब्राउजर में इन्कॉग्निटो मोड फीचर था। जिसके बारे में केस करने वाले ने तर्क दिया था कि इस मोड में यूजर्स को यह विश्वास दिलाया गया है कि उनकी ऑनलाइन गतिविधियों को ट्रैक नहीं किया जा रहा है। जबकि इंटरनल गूगल कम्युनिकेशन से पता चला है कि इन्कॉग्निटो मोड का उपयोग करने के बावजूद, वेब ट्रैफिक को ट्रैक करने और टार्गेटेड विज्ञापनों को बनाने के लिए गूगल उनके सर्च डेटा की निगरानी कर रहा है।
कुकीज को भी किया जाएगा ब्लॉक
समझौते के हिस्से के रुप में गूगल को अगले पांच साल के लिए इन्कॉग्निटो मोड में डिफॉल्ट रुप में थर्ड पार्टी ट्रैकिंग कुकीज को ब्लॉक करेगा। बता दें, वेब नेविगेशन पर आधारित टार्गेटेड विज्ञापन के लिए अक्सर इनकी कूकीज का इस्तेमाल किया जाता है. ऐसे में ये प्राइवेसी से जुड़ी चिंताओं का विषय रही हैं।