देहरादून: कोरोना की वैक्सीन बनाने का रूस दावा कर चुका है। कई देश इसे बनाने में जुटे हैं। इस दौराना कोरोना से लोगों बचाने के लिए इसमें कारगर दवाओं को उत्पादन बढ़ाया जा रहा है। ऐस ही एक दवा है सेविपेविर, जो कोरोना के इलाज में कारगर है। राज्य में इनके उत्पादन के लिए सरकार ने दो फार्मा कंपनियों को मंजूरी दे दी है। एक अन्य दवा के लाइसेंस भी जल्द जारी हो सकता है।
देश और दुनिया में इस वक्त कोरोना के गंभीर मरीजों के लिए रेमडिसिविर और सेविपेविर दवाएं दी जा रही हैं। उत्तराखंड के अस्पतालों में भी इन दवाओं को मरीजों को दिया जा रहा है। कोरोना के मामले बढ़ने के साथ ही दवाओं की डिमांड भी बढ़ती जा रही है। हिन्दुस्तान की एक रिपोर्ट के अनुसार सरकार के दिशा निर्देश पर राज्य औषधि नियंत्रक ताजबर जग्गी ने दवा कंपनियों को इसके लिए तैयार किया। हरिद्वार की दो फार्मा कंपनियों ने सेविपेविर के निर्माण को आवेदन किया और सरकार ने दोनों को ही लाइसेंस जारी कर दिया है।
जग्गी ने बताया, लाइसेंस की प्रक्रिया पूरी होने के बाद दवा का निर्माण राज्य में शुरू हो जाएगा। इससे काफी राहत मिलेगी। साथ ही अन्य दवा कंपनियों से भी इस संबंध में आग्रह किया जा रहा है। रेमडिसिविर और सेविपेविर दवाओं के राज्य में बनने से इनती कीमत काफी कहो सकती है, जिसका लाभ सरकार को मिलेगा। कोरोना काल में एंटीवायरल दवाओं की राज्य में डिमांड तेजी से बढ़ी है, लेकिन आपूर्ति पर्याप्त मात्रा में नहीं हो पा रही है।