ग्लोबल इन्वेस्टर समिट का शनिवार को समापन हो गया है। जहां एक ओर माना जा रहा है कि इन्वेस्टर समिट से प्रदेश के विकास को पंख मिलेंगे। तो वहीं दूसरी ओर इसे पलायन रोकने के लिए एक कारगर पहल भी माना जा रहा है। इसके समापन पर सीएम धामी और प्रदेश के आला अधिकारियों में खुशी की लहर तो जरूर होगी।
ग्लोबल इन्वेस्टर समिट का विजन सीएम धामी का
ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में हाउस ऑफ हिमालयाज ब्रांड को लांच किया गया। जिसके बाद हर कोई सीएम धामी की सोच का मुरीद हो रहा है। पहाड़ी उत्पादों के लोकल टू ग्लोबल होने की खुशी हर उत्तराखंडी महसूस कर रहा है। पीएम मोदी से लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने भी इन्वेस्टर समिट को लेकर सीएम धामी की तारीफ की।
ग्लोबल इन्वेस्टर समिट को लेकर सीएम धामी के विजन की जमकर तारीफ हो रही है। सीएम धामी ने इसके सफल आयोजन के लिए हर मुमकिन कोशिश भी की। सीएम ने देश से लेकर विदेशों तक निवेश जुटाने के लिए रोड शो किए। जिसका परिणाम ये रहा कि निवेशक सम्मेलन के लिए रखे गए लक्ष्य से ज्यादा पर करार हुआ है। इन्वेस्टर समिट के लिए दो लाख करोड़ का लक्ष्य रखा गया था। लेकिन साढ़े तीन लाख करोड़ के एमएयू साइन किए गए हैं।
ग्लोबल इन्वेस्टर समिट को मुकाम तक पहुंचाने के ये रहे सूत्रधार
ग्लोबल इन्वेस्टर समिट का विजन तो सीएम धामी का था। लेकिन इसे मुकाम तक ले जाने में अधिकारियों की टीम थी। इस टीम में एसीएस राधा रतूड़ी, मुख्यमंत्री सचिव विनय शंकर पांडेय, सचिव मीनाक्षी सुन्दरम, एमडी उद्योग रोहित मीणा और सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी का बेहद ही अहम भूमिका रही।
सीएम धामी जब राज्य में मौजूद नहीं थे तो एसीएस राधा रतूड़ी ने ही इन्वेस्टर समिट से जुड़ी तैयारियों का निरीक्षण कर आवश्यक निर्देश दिए। सभी व्यवस्थाओं पर एसीएस राधा रतूड़ी अपनी नजर बनाए हुए थी। इसके साथ ही सचिव विनय शंकर, मीनाक्षी सुन्दरम और एमडी उध्योग रोहित मीणा सीएम धामी के साथ हर रोड शो में मौजूद रहे।
संकट की घड़ी में इन अधिकारियों ने संभाला मोर्चा
आपको बता दें कि ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के आयोजन से ठीक पहले उत्तरकाशी के सिलक्यारा में टनल हादास हो गया था। 41 मजदूरों को बाहर निकालने में 17 दिन का समय लग गया था। इस समय ना सिर्फ राज्य के बल्कि पूरे देश की निगाहें सीएम धामी पर टिकी हुई थी। इस दौरान सचिव नीरज खैरवाल के साथ ही सीएम सेक्रेटरी वीएस पांडे और डीजी सूचना बंशीधर तिवारी ने पूरा मोर्चा संभाला था।
17 दिनों के बाद ही सही लेकिन सभी मजदूरों को सही सलामत बाहर निकाला गया और सीएम धामी की पूरे देश में चर्चा होने लगी। साथ ही रेस्क्यू ऑपरेशन के हीरोज की भी हर कोई तारीफ कर रहा था। जहां एक ओर सिलक्यारा टनल हादसे के कारण एक बार ऐसा लग रहा था कि कहीं ग्लोबल इन्वेस्टर समिट का ये भव्य आयोजन फीका ना पड़ जाए तो वहीं सीएम धामी के नेतृत्व में हुए सफल रेस्क्यू ने इसमें चार चांद लगा दिए।
अधिकारियों की भूमिका काबिले तारीफ
अगर हम इन्वेस्टर समिट की बात करें तो इतने बड़े और भव्य आयोजन को कराना कोई आम बात तो नहीं थी। लेकिन जिस कुशलता से इसका आयोजन किया गया वो काबिले तारीफ था। इन्वेस्टर समिट में पीएम, गृह मंत्री समेत देश ही नहीं दुनिया के बड़े-बड़े उद्योगपति और 40 देशों के राजदूत मौजूद रहे। इसके साथ ही 15 हजार लोगों ने भी समिट में प्रतिभाग किया। इतने सारे लोगों के बीच बड़े सुरक्षा घेरे में रहने वाले लोगों की सुरक्षा बनाए रखना सबसे बड़ा टास्क था जिसे बखूबी निभाया गया और एक भव्य समारोह का आयोजन किया गया।