ओडिशा के पुरी में 46 सालों के बाद मौजूद जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार को आज खोल दिया गया है। रत्न भंडार के दोबारा खुलने से पहले श्री जगन्नाथ मंदिर में विशेष बक्से लाए गए। रत्न भंडार खुलने से पहले मंदिर और आसपास के इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। इसके साथ ही तमाम तरह की तैयारियां की गई है।
इसे लेकर निरीक्षण समिति के अध्यक्ष न्यायमूर्ति विश्वनाथ रथ ने कहा, जैसा कि तय किया गया था, और जैसा कि सभी को पता था, सरकार पहले ही तीन भागों में जरुरी एसओपी लेकर आ चुकी है। एक रत्न भंडार खोलने के लिए, फिर आभूषणों और कीमती सामानों को अपने कब्जे में लेने के लिए। दोनों ‘भंडारों’ में गर्भ गृह के अंदर पूर्व-आवंटित कमरों के लिए आज हमने एक बैठक बुलाई जिसमें हमने उद्घाटन और आभूषणों की देखभाल के साथ आगे बढ़ने का फैसला किया।
सीएमओ ने भी रत्न भंडार खोले जाने की जानकारी
बता दें कि ओडिशा सीएमओ ने भी रत्न भंडार खोले जाने की जानकारी दी है। सीएमओ की तरफ से जारी एक पत्र में लिखा गया है जय जगन्नाथ, हे प्रभो! आप लयबद्ध हैं। तेरी चाह से सारा संसार त्रस्त है। आप रूढ़िवादी राष्ट्र की धड़कन है। ऑर्डेयन जाति की अस्मिता और स्वविमान का सर्वोत्तम परिचय। आपकी इच्छानुसार आज ओडोनिया समुदाय ने अपनी अस्मिता पहचान को लेकर आगे बढ़ने का प्रयास शुरू कर दिया है। आपकी इच्छा से सबसे पहले मंदिर के चारों दरवाजे खोले गए। आज आपकी वसीयत के 46 वर्ष बाद वह रत्न एक महान उद्देश्य से खोला गया। मेरा दृढ़ विश्वास है कि यह महान कार्य सफल होगा। आपके आशीर्वाद से, सभी रूढ़िवादी जाति, वर्ण, वर्ण, रंग और सर्वोपरि राजनीति के मतभेदों को भूलकर आध्यात्मिक और भौतिक जगत में ओडिशा की एक नई पहचान बनाने के लिए आगे बढ़ें, ऐसी मेरी प्रार्थना है।’