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दो दिन से धधक रहे हैं गढ़वाल के जंगल, आग से हो रहे धुंए के कारण लोगों का सांस लेना मुश्किल

Yogita Bisht
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forest fire

प्रदेश में वनाग्नि की घटनाएं कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। दिन पर दिन जंगलों की आग बढ़ती जा रही है। जहां एक ओर कुमाऊं के जंगल धधक रहे हैं तो वहीं दो दिन से गढ़वाल के जंगलों में भी आग लगी हुई है। आग लगने का कारण उठ रहे धुएं से लोगों का सांस लेना मुश्किल हो गया है।

दो दिन से धधक रहे हैं गढ़वाल के जंगल

दो दिन से गढ़वाल के जंगल धधक रहे हैं। गढ़वाल मंडल के सिरकोट, बौला और बांसकोट के जंगलों में बीते दो दिन से आग लगी हुई है।आग के कारण कई हेक्टेयर वन संपदा को नुकसान हुआ है। आग में करोड़ों की वन संपदा जलकर खाक हो गई है। वन विभाग आग बुझाने में जुटा हुआ है। लेकिन आग पर काबू नहीं पाया जा सका है।

धुंए के कारण लोगों का सांस लेना मुश्किल

जहां कल तक आग ऊपरी इलाकों में ही लगी थी तो वहीं अब वनाग्नि निचले इलाकों की ओर बढ़ रही है। आग से उठने वाला धुआं अब लोगों की दिक्कतें बढ़ाने लगा है। शैल, बसंतपुर, दुवा, कांडा गांव में भी आग के कारण हर तरफ धुंआ ही धुंआ हो गया है। 15 से 20 वन कर्मियों की टीम वनाग्नि पर काबू पाने में जुटी है।  

27 दिन में ही 559 वनाग्नि की घटनाएं आईं सामने

जंगलों की आग लगातार बेकाबू होते जा रही है। एक स्थान पर आग पर काबू पाया जाता है तो दूसरे स्थान पर आग धधकनी शुरू हो जाती है। वनाग्नि की वजह से जान बचाने के लिए वन्य जीव इधर-उधर भाग रहे हैं। कई स्थानों पर तो जंगल की आग आबादी वाले इलाकों तक पहुंच रही है। अप्रैल के महीने 27 दिन में ही 559 वनाग्नि की घटनाएं सामने आईं हैं।

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योगिता बिष्ट उत्तराखंड की युवा पत्रकार हैं और राजनीतिक और सामाजिक हलचलों पर पैनी नजर रखती हैंं। योगिता को डिजिटल मीडिया में कंटेंट क्रिएशन का खासा अनुभव है।