Dehradun : एग्जिट पोल पर पूर्व CM हरीश रावत का बयान, देखिए प्रदेश की जनता के लिए क्या कहा? - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

एग्जिट पोल पर पूर्व CM हरीश रावत का बयान, देखिए प्रदेश की जनता के लिए क्या कहा?

Reporter Khabar Uttarakhand
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# Uttarakhand Assembly Elections 2022

# Uttarakhand Assembly Elections 2022

देहरादून : एग्जिट पोल पर उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत की प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने कहा कि हम जनता के दिल के भाव को जानते हैं। जनता ने कांग्रेस के पक्ष में परिवर्तन के लिए वोट दिया है। एग्जिट पोल जिन लोगों ने किया है, उसमें ही कितना अंतर है।

वहीं फेसबुक पोस्ट के जरिए हरीश रावत ने कहा कि 17 मार्च, 2017 में #कांग्रेस उत्तराखंड में पराजित हुई थी, पराजय बहुत गहरी थी। 10 मार्च, 2022 को नई विधानसभा जन्म ले लेगी, नामकरण तो सदस्यों के शपथ ग्रहण के साथ होगा, मगर जन्म 10 मार्च को हो जाएगा तो यह 5 साल का फासला एक राजनैतिक कार्यकर्ता के रूप में मेरे लिए एक अत्यधिक चुनौतीपूर्ण विकटतम चुनौतियों से भरा हुआ था, एक अति बुरी पराजय से उभरने के लिए ही बहुत बड़ी मानसिक शक्ति की आवश्यकता थी, अपनों की नजर में भी मेरे लिए हिकारत का भाव था।साधारण कांग्रेस कार्यकर्ता जो मेरे नेतृत्व में विश्वास रखता था वो कुछ समझ ही नहीं पा रहा था कि यह क्या हो गया और क्यों हो गया!
आगे हरीश रावत ने लिखा कि मैंने बहुत गहरे आत्म चिंतन के बाद हार के विक्षोभ को मन और मस्तिष्क, दोनों से बाहर निकाल दिया और नए सिरे से अपने आप व पार्टी को उत्साहित करना प्रारंभ किया, उसके लिए मैंने नाना प्रकार के अभिनव तौर-तरीके अपनाए जिनमें नींबू-काफल पार्टी जैसे आयोजन भी थे तो घी संक्रांत, हरेला त्यौहार मनाने जैसे सामाजिक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी थे, फुलदेई त्यौहार के आयोजन से लेकर घुघुतिया त्योहार के साथ अपना जुड़ाव भी पैदा किया। मैंने परंपरागत उत्तराखंड की छाँह में अपने लिए नई राह खोजी और इस 5 साल के फासले में बहुत सारे मुकाम और बहुत सारे अभिनव तरीके मैंने अपनी व पार्टी की सक्रियता को बढ़ाने और एक विपक्ष के रूप में पार्टी को सक्रिय रूप से आगे लाने के लिए बहुत सारे कदम उठाए, कभी-कभी लगता था शायद मैं ज्यादा तेज चल रहा हूं, क्योंकि अपने भी रोकते और टोकते दिखाई देते थे, लेकिन मैं बढ़ता गया, बढ़ता गया।
आगे हरीश रावत ने लिखा कि आज जब उस 5 साल के लेखे-जोखे को मैं अपने मन में याद कर रहा हूंँ तो मेरा मन और मेरी भावनाएं मुझसे कह रही हैं कि उसको आप संग्रहित करो, छोटे-छोटे संदर्भ ही सही उनको एकीकृत करके अपनी फेसबुक, टि्वटर, यूट्यूब आदि प्लेटफार्म पर संरक्षित करो। हो सकता है कल आने वाले किसी उत्तराखंड के राजनैतिक विद्यार्थी के लिए ये 5 साल की मेरी राजनीतिक कार्यकर्ता के रूप में संघर्षपूर्ण यात्रा कुछ अध्ययन का विषय हो सके तो इसीलिए कुछ प्रसंगों को मैंने डाल दिया है, विशेष तौर पर जो चुनाव से तात्कालिक रूप से जुड़े हुए थे, उसमें मैंने कुछ उत्तराखंडी सरोकारों को भी जिनको इस सरकार ने या तो छोड़ दिया या अनदेखा करने की कोशिश की उनको भी समय-समय पर उठाया था उनको भी रखा है, कोरोना काल के अंदर किस प्रकार की भूमिका मैंने और मेरे साथियों ने निभाई उस पर भी मैं कुछ कहना चाहूंगा, वेबिनार आदि के माध्यम से हमने बहुत सारी बातों को आगे लाने का प्रयास किया जो उत्तराखंडी सरोकार थे, मैं चाहता हूंँ उनको भी संग्रहित करूं और साथ ही साथ उत्तराखंडी व्यंजनों आदि फलों की पार्टियों के कुछ संस्करण है उनको भी संकलित करूं और भी बहुत सारी चीजें आती जा रही हैं उनको मैं संकलित करता जाऊंगा और आपके साथ अपने फेसबुक आदि प्लेटफार्म पर शेयर भी करूंगा।
हरीश रावत ने लिखा कि कल मैं, तीन तिगाड़ा-काम बिगाड़ा, हमने किया है आगे भी करके दिखाएंगे जैसे दो गुढ़ संदर्भित वाक्यांशों से जुड़े हुए प्रसंगों को आपके सामने लाऊंगा तो साथ ही मैं इस बात का भी प्रयास करूंगा कि लोगों ने किस तरीके से इस कालखंड में अपना कंठ स्वर देकर मुझ को उत्साहित करने का काम किया और कांग्रेस के लिए एक वातावरण बनाने का काम किया, मैं उन गीतों को भी संकलन कर अपने फेसबुक आदि प्लेटफार्म पर डालूंगा, साथ ही मैंने लगभग 400 से ज्यादा प्रेस कॉन्फ्रेंसेज की हैं, एक संक्षिप्त संदर्भ के तौर पर मैं उन प्रेस कॉन्फ्रेंसेज के वर्णन को भी संकलित कर आप तक पहुंचाने का काम करूं तो बहुत सारा काम बचा हुआ है, कुछ कल करूंगा, कुछ परसों करूंगा हो सका तो कुछ 11 मार्च को, क्योंकि 10 मार्च को तो नतीजों की ही धुकधुकी होगी, 11 मार्च को जो कुछ और चीजें मेरे मन-मस्तिष्क में रह जाएंगी तो उनको संकलित कर उनको भी आपके पास तक फेसबुक आदि प्लेटफार्म के माध्यम से पहुंचाऊंगा, कृपया मेरी फेसबुक पेज के साथ जुड़े रहिएगा।
“जय उत्तराखंड-जय उत्तराखंडियत”।
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