उत्तराखंड में कुमाऊं से लेकर गढ़वाल तक जंगलों की आग बेकाबू होती जा रही है। जगह-जगह सुलग रहे जंगल वनकर्मियों की परीक्षा ले रहे हैं। ये आग रिहायशी क्षेत्रों में पहुंच गई है। जिससे संकट और बढ़ गया है। वहीं सोमवार को अलकनंदा नदी से पानी अपलिफ्ट कर आग को बुझाने के लिए सेना का हेलीकॉप्टर रवाना हुआ। डोभ श्रीकोट के जंगल में वायुसेना के चॉपर से पानी बरसाया गया।
पराली जलाने पर दिए रोक लगाने के निर्देश
वनाग्नि की बढ़ती घटनाओं को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने अधिकारियों के साथ बैठक की। मुख्य सचिव ने मीडिया से बातचीत में बताया कि सीएम ने पराली जलाने पर रोक लगाने के निर्देश दिए थे। उसके आधार पर सभी जिलाधिकारियों द्वारा जिलों में आदेश जारी कर दिए गए हैं।
वनाग्नि की घटनाओं से पांच लोगों की मौत
सीएस ने बतायाव आपदा मद से सभी जिलों को बजट भी जारी कर दिया गया है। वहीं छोटे वॉटर टैंकर खरीद कर पहाड़ी क्षेत्रों में पंप के जरिए आग बुझाने का काम भी अब किया जाएगा। वहीं मुख्य सचिव का कहना है कि अब तक वनाग्नि की घटनाओं से पांच लोगों की मौत हुई है।
गैंगस्टर एक्ट के तहत होगा मुकदमा
सीएस ने बताया पौड़ी और अल्मोड़ा में सबसे ज्यादा हालात खराब है। जिसे देखते हुए एनडीआरएफ की मदद ली जा रही है। वहीं डीजीपी ने जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस के द्वारा ऐसे लोगों पर सख्त नजर रखी जा रही है,जो लोग वनाग्नि की घटनाओं में लिप्त पाए जाएंगे, उन पर गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया जाएगा और उनकी संपत्ति की भी कुर्की की जाएगी।