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धधक रहे उत्तराखंड के जंगल, कुमाऊं में आग से हुआ सबसे ज्यादा नुकसान

Yogita Bisht
4 Min Read
जंगल की आग forest fire

प्रदेश में दिन पर दिन जंगलों की आग बढ़ती जा रही है। आग अब बेकाबू हो रही है। जहां एक ओर आग से कोरोड़ों की वन संपदा जलकर खाक हो गई है। तो वहीं आग से अब लोगों की जान भी जा रही है। आग के कारण अब तक प्रदेश में पांच लोगों की मौत हो गई है। आग के कारण सबसे ज्यादा नुकसान कुमाऊं मंडल में हुआ है।

जंगलों की आग हो रही बेकाबू

उत्तराखंड के जंगलों की आग बेकाबू होते जा रही है। हर दिन जंगल की आग कई हेक्टेयर वनों को जलाकर राख कर रही है। रविवार को दूनागिरी मंदिर परिसर में आग पहुंच गई और श्रद्धालुओं में अफरा-तफरी मच गई। जान बचाने के लिए लोगों को भागना पड़ा। इसके साथ ही पौड़ी में आग बुझाने के दौरान झुलसी बुजुर्ग महिला ने एम्स में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। उत्तराखंड में अब तक आग के कारण पांच लोगों की मौत हो चुकी है।

आग से कुमाऊं में सबसे ज्यादा नुकसान

अब तक सामने आई आग की घटनाओं के मुताबिक आग से सबसे ज्यादा नुकसान कुमाऊं में हुआ है। पिथौरागढ़ जिले की बात करें तो प्रदेश में सबसे ज्यादा आग की घटनाएं यहीं से सामने आई हैं। पिथौरागढ़ में अब तक 106 आग की घटनाएं सामने आई जिसमें 159 हेक्टेयर जंगल जलकर राख हो गए हैं।

  • अल्मोड़ा जिले में 56 आग की घटनाएं, जिसमें 85.5 हेक्टेयर जंगल जलकर राख हो गए।
  • तराई पूर्वी में 90 आग की घटनाएं, जिसमें 104.94 हेक्टेयर जंगल जलकर राख हो गए।
  • चंपावत में 55 वनाग्नि की घटनाएं सामने आई, जिसमें 54.99 हेक्टेयर जंगल जलकर राख हो गए।
  • रामनगर में 31 वनाग्नि की घटनाएं सामने आई, जिसमें 45.37 हेक्टेयर जंगल जले।
  • नैनीताल में 29 वनाग्नि की घटनाएं सामने आई, जिसमें 34.65 हेक्टेयर जंगल जले।
  • हल्द्वानी में 27 आग की घटनाएं हुई, जिसमें 28.03 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ।
  • सिविल सोयम अल्मोड़ा में 26 स्थानों पर आग लगी। जिसमें 41.5 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ।
  • बागेश्वर जिले में 28 स्थानों पर आग लगी। जिसमें 34.47 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित।
  • तराई केंद्रीय में 12 घटनाएं सामने आई, जिसमें 11.96 हेक्टेयर वन क्षेत्र में नुकसान हुआ।
  • सोइल कंजरवेशन, रानीखेत में 12 आग की घटनाएं हुई, जिसमें 24.25 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ।
  • तराई पश्चिम में तीन घटनाएं जिसमें 2.5 हेक्टेयर वन क्षेत्र में नुकसान।
  • सोइल कंजरवेशन, रामनगर में आग की 12 घटनाएं हुई जिसमें 24.25 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है।

लगातार बढ़ रही जंगलों में आग लगने की घटनाएं

हाल ही में देहरादून स्थित एनवायरनमेंटल एक्शन एंड एडवोकेसी समूह, एसडीसी फाउंडेशन ने अपनी मार्च 2024 की आपदा एवं दुर्घटना रिपोर्ट उत्तराखंड डिजास्टर एंड एक्सीडेंट एनालिसिस इनिशिएटिव (उदय) जारी की है। जिसमें कहा गया है कि उत्तराखंड के जंगलों में आग लगने की घटनाएं लगातार बढ़ रही है।

रिपोर्ट कहती है कि गोपेश्वर, उत्तरकाशी, केदारनाथ सहित उत्तराखंड के विभिन्न क्षेत्रों में जंगल आग के चपेट में आए हैं। गर्मी के सीजन में ये आग बड़ा नुकसान कर सकती है। शुष्क मौसम पराली जलाने के कारण इस तरह की घटनाओं में बढ़ोत्तरी हुई है। रिपोर्ट ये भी कहती है कि ज्यादातर अधिकारी और कर्मचारी चुनाव ड्यूटी पर हैं, ऐसे में जंगलों की आग बुझाने में समस्या आ सकती है। रिपोर्ट में जंगलों को आग से बचाने के लिए स्टाफ बढ़ाने और संसाधनों की कमी दूर करने जैसे काम तत्काल करने की जरूरत है।

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योगिता बिष्ट उत्तराखंड की युवा पत्रकार हैं और राजनीतिक और सामाजिक हलचलों पर पैनी नजर रखती हैंं। योगिता को डिजिटल मीडिया में कंटेंट क्रिएशन का खासा अनुभव है।