National : कर्नाटक में घमासान, हफ्ते भर में इन आठ नेताओं ने छोड़ा भाजपा का साथ, क्या बेपटरी हो सकती है बीजेपी - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

कर्नाटक में घमासान, हफ्ते भर में इन आठ नेताओं ने छोड़ा भाजपा का साथ, क्या बेपटरी हो सकती है बीजेपी

Sakshi Chhamalwan
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KARNATAKA

कर्नाटक में 10 मई से विधानसभा चुनाव होने हैं। लेकिन उससे पहले ही राज्य की सियासत हिचकौले खाते दिख रही है। सत्ताधारी पार्टी बीजीपी में टिकट काटने से पहले ही पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व उप मुख्यमंत्री से लेकर मौजूदा विधायक और पूर्व विधायक तक पार्टी छोड़ रहे हैं। उनमें से कई मुख्य विपक्षी कांग्रेस का हाथ थाम रहे हैं।

आठ से ज्यादा बड़े राजनितिक चेहरों ने छोड़ा भाजपा का दामन

बता दें हफ्ते भर में आठ से ज्यादा बड़े राजनितिक चेहरों ने भाजपा का दामन छोड़ा है। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार से लेकर पूर्व उप मुख्यमंत्री लक्ष्मण सावदी का नाम शामिल है। अब इन दोनों बड़े नेताओं ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है।

बताते हैं आपको किस- किसने छोड़ी भाजपा

पिछले एक हफ्ते में जब से बीजेपी ने विधानसभा चुनाव के टिकेटों का ऐलान करना शुरू किया है। तभी से कई नेताओं ने पार्टी छोड़ दी है। जगदीश शेट्टार ने भी रविवार को पार्टी से अलविदा कहकर कांग्रेस का हाथ थाम लिया है। जबकि पूर्व उप मुख्यमंत्री लक्ष्मण सावदी ने पार्टी छोड़ने के दो दिन बाद यानी की 14 अप्रैल को कांग्रेस ज्वाइन कर ली थी। आपको बता दें सावदी ने इससे पहले एमएलसी पद और बीजेपी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था।

बेलागवी जिले के अथानी निर्वाचन क्षेत्र से तीन बार विधायक चुने गए सावदी 2018 के चुनावों में महेश कुमाचल्ली से हार गए थे। उस समय कुमपल्ली कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार थे। अब कुमगल्ली को बीजेपी ने टिकट दिया है। उधर दूसरी तरफ सावदी कांग्रेस के टिकट पर उनका मुकाबला करेंगे। यानी लड़ाई उन्हीं दोनों नेताओं के बीच होगी लेकिन दोनों की ही पार्टी अब नई होगी।

बात करते हैं नेहरू ओलेकर की आपको बता दें नेहरू ओलेकर को 2022 में एक विशेष अदालत द्वारा भ्रष्टाचार के आरोप में दोषी ठहराया गया था। भाजपा ने ओलेकर को 2023 के विधानसभा चुनाव में टिकट से वंचित कर दिया है। इसके विरोध में ओलेकर ने भाजपा से इस्तीफा दे दिया। उनकी जगह भाजपा ने अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट पर गविसिद्दप्पा दयमन्नवर को उम्मीदवार बनाया।

बात करते हैं एमपी कुमारस्वामी की। एमपी कुमारस्वामी आरक्षित सीट मुदिगिरी से तीन बार विधायक रहे हैं। कुमारस्वामी ने भी टिकट नहीं मिलने पर भाजपा से इस्तीफा दे दिया। कुमारस्वामी पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा की पार्टी जेडी में शामिल हो गए हैं। आगामी राज्य चुनावों के लिए कुमारस्वामी आरक्षित सीट से उम्मीदवार थे। लेकिन भाजपा ने उनकी जगह दीपक डोडेया को टिकट देने का फैसला लिया।

‘पेंडुलम शंकर’ का फिर दल बदल

आर शंकर को अक्सर दल बदलने के लिए ‘पेंडुलम शंकर’ के नाम से भी जाना जाता है। आर शंकर ने भी टिकट ना मिलने के चलते कर्नाटक विधान परिषद से इस्तीफा दे दिया। आर शंकर उन विधायकों में से एक थे इसने 2019 में भाजपा सरकार को बनाने और उभारने में मदद की थी।

होसदुर्गा से बीजेपी विधायक गुलीहट्टी डी शेखर ने भी टिकट नहीं मिलने पर भाजपाको अलविदा कह दिया है। इसके अलावा एक और बड़े चेहरे केएस ईश्वरप्पा ने आगामी चुनाव ना लड़ने का ऐलान किया है। बता दें केएस ईश्वरप्पा ने राजनीति से सन्यास ले लेने जा रहे हैं। केएस ईश्वरप्पा राज्य सरकार में कई प्रमुख पदों का दायित्व संभाल चुके हैं।

भाजपा को एस अंगारा की ओर से राहत

इन सब के बीच भाजपा के लिए राहत भरी खबर ये है कि कर्नाटक के मत्स्य मंत्री एस अंगारा जिन्होंने पहले सुलिया विधानसभा क्षेत्र से टिकट नहीं मिलने पर राजनीति छोड़ने का ऐलान किया था। अब वह अपने बयान से पलटते नजर आ रहे हैं। एस अंगारा ने कहा है कि वह अब आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार भागीरथी मुरुल्या के लिए प्रचार करेंगे। बता दें अंगारा 1994 से दक्षिण कन्नड़ में सुलिया निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।

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Sakshi Chhamalwan उत्तराखंड में डिजिटल मीडिया से जुड़ीं युवा पत्रकार हैं। साक्षी टीवी मीडिया का भी अनुभव रखती हैं। मौजूदा वक्त में साक्षी खबरउत्तराखंड.कॉम के साथ जुड़ी हैं। साक्षी उत्तराखंड की राजनीतिक हलचल के साथ साथ, देश, दुनिया, और धर्म जैसी बीट पर काम करती हैं।