Uttarakhand : बच्चों की फीस में हर साल बढ़ोतरी, शिक्षकों के वेतन में कटौती, ये है निजी स्कूलों का हाल - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

बच्चों की फीस में हर साल बढ़ोतरी, शिक्षकों के वेतन में कटौती, ये है निजी स्कूलों का हाल

Sakshi Chhamalwan
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education department

उत्तराखंड के निजी स्कूल एक बार फिर सुर्खियों में हैं. कभी अभिभावकों से बढ़ी हुई फीस को लेकर, कभी गैरज़रूरी चार्ज के नाम पर तो कभी अब शिक्षकों को मिलने वाले वेतन को लेकर. बता दें जिन स्कूलों में लाखों बच्चों से हर दूसरे दिन न जाने कितनी मदों में पैसे वसूले जाते हैं. उन्हीं स्कूलों के जब शिक्षकों की बात आती है तो तस्वीर एकदम उलट है.

स्कूल प्रबंधन के दावों से इतर है सच्चाई

अभिभावकों से अक्सर तर्क दिया जाता है कि स्कूल फीस इसलिए बढ़ाते हैं क्योंकि हर साल शिक्षकों की तनख्वाह भी बढ़ाई जाती है. लेकिन जमीनी हकीकत इससे कोसों दूर है. आज भी प्रदेश के सैकड़ों निजी स्कूलों में शिक्षक और कर्मचारी बेहद कम वेतन में काम करने को मजबूर हैं. दिलचस्प बात ये है कि सरकार ने पहले ही इस पर एक स्पष्ट आदेश जारी कर रखा है.

अधिकारियों के आदेशों की हो रही अवहेलना

गौरतलब है कि 26 जून 2007 को तत्कालीन शिक्षा सचिव डीके कोटिया ने निर्देश दिए थे कि राज्य के आईसीएसई और सीबीएसई स्कूलों को शिक्षकों और कर्मियों को वेतन और भत्ते उसी स्तर पर देने होंगे, जैसे सरकार सहायता प्राप्त स्कूलों में देती है. लेकिन आज भी ये आदेश शिक्षा विभाग की फाइलों में धूल फांक रहा है.

स्कूल प्रबंधन अपने हिसाब से तय करता है शिक्षकों का वेतन

2018 में सीबीएसई ने अपने एफिलिएशन बायलॉज के अध्याय-5 में साफ कर दिया था कि निजी स्कूलों को अपने स्टाफ को सरकार द्वारा तय मानकों के अनुरूप वेतन देना होगा. इस आदेश के बाद भी अधिकांश स्कूल प्रबंधन अपने हिसाब से शिक्षकों का वेतन तय करते हैं. जिसमें न कोई पारदर्शिता होती है और न ही कोई तय नीति होती है.

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Sakshi Chhamalwan उत्तराखंड में डिजिटल मीडिया से जुड़ीं युवा पत्रकार हैं। साक्षी टीवी मीडिया का भी अनुभव रखती हैं। मौजूदा वक्त में साक्षी खबरउत्तराखंड.कॉम के साथ जुड़ी हैं। साक्षी उत्तराखंड की राजनीतिक हलचल के साथ साथ, देश, दुनिया, और धर्म जैसी बीट पर काम करती हैं।