Dehradun : कृषि सुधार कानूनों से किसानों को मिली आजादी, MSP पर नहीं कोई संकट : CM त्रिवेंद्र रावत - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

कृषि सुधार कानूनों से किसानों को मिली आजादी, MSP पर नहीं कोई संकट : CM त्रिवेंद्र रावत

Reporter Khabar Uttarakhand
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देहरादून : मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने ऋषिकुल मैदान हरिद्वार में आयोजित किसान सम्मेलन में वर्चुअल माध्यम से हिस्सा किया। किसान सम्मलेन को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि सुधार कानून किसानों के हित में लाये गये कानून हैं। उन्होंने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने का जो भारत सरकार ने जो लक्ष्य रखा है, ये क़ानून उस लक्ष्य को प्राप्त करने की ओर यह एक बड़ा कदम हैं। उन्होंने कहा कि कृषि सुधार कानून के माध्यम से किसानों को स्वतंत्रता प्रदान की गयी है, अब किसान को जहां अच्छा मूल्य मिलेगा, वहां अपनी फसल बेचेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वैज्ञानिक स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर यह कानून बनाये गये हैं, जो किसानों के व्यापक हित में हैं। इसमें किसानों के लिए अनेक विकल्प रखे गये हैं, पहले केवल मण्डी ही खरीदारी करती थी, आज उसके लिए ओपन मार्केट की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि एमएसपी समाप्त करने के सम्बन्ध में किसानों में भ्रम फैलाने का प्रयास हो रहा है, जबकि एमएसपी समाप्त नही की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले में किसानों को बरगलाना उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा किसानों की आर्थिक उन्नति के लिए पीएम किसान सम्मान निधि योजना लागू की गई है, जिसमें 6000 रूपये प्रतिवर्ष किसानों को उपलब्ध कराये जा रहे हैं। इसके साथ ही, एमएसपी पर खरीद को लगातार सुदृ़ढ़ किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों की आय दुगनी करने के लक्ष्य की ओर राज्य सरकार द्वारा भी प्रभावी कदम उठाए गए हैं। किसानों को मण्डी के साथ ही कहीं भी उत्पादों को बेचने की आजादी है। उन्होंने कहा कि किसानों की समस्याओं को दूर करने हेतु उनसे लगातार वार्ता कर उनकी समस्याओं का समाधान किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की सरकारी गन्ना मिलों द्वारा गन्ना किसानों को सौ प्रतिशत गन्ना मूल्य का भुगतान कर दिया गया है। धान मूल्य का भुगतान आरटीजीएस के माध्यम से बिल प्राप्त होने के 24 घण्टे के अन्दर किसानों के खाते में जमा की जा रही है। उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र की बन्द पड़ी इकबालपुर शुगर मिल को 36 करोड़ की गारन्टी देकर खुलवाया है, ताकि किसानों को उनके गन्ना मूल्य का भुगतान हो सके। राज्य में खाद्य की सब्सिडी दो साल पहले से ही दी जा रही है। किसानों को 3 लाख तक का ऋण बिना ब्याज का दिया जा रहा है।

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