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Ghibli के बाद अब AI से बनने लगे fake aadhaar and pan cards, ऐसे करें असली की पहचान?

Uma Kothari
4 Min Read
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सोशल मीडिया पर आजकल अपनी तस्वीर को Ghibli स्टाइल ईमेज बनाने का ट्रेंड चल ही रहा है कि इसी बीच एक और नई चीज लोगों ने ढ़ूढ ली है। लोगों का घिबली स्टाइल से मन भर गया तो अब लोग एआई चैट बॉट चैटजीपीटी (ChatGPT) पर फेक आधार और पैन कार्ड बनाने लग गए है।

चैटजीपीटी से बने फेक आधार और पैन कार्ड(fake aadhaar and pan cards) सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। हैरान कर देनी वाली बात तो ये है कि अगर आप इन नकली पैन और आधार कार्ड को देखेंगे तो ये आपको असली ही लगेंगे। आपको नकली और असली में फर्क करना मुश्किल हो जाएगा।

AI से बनने लगे फेक आधार और पैन कार्ड fake aadhaar and pan cards

अगर आप सोशल मीडिया पर एक्टिव रहते है तो आपने भी आज कल नकली पैन कार्ड और आधार कार्ड की तस्वीरें देखी होगी। ये पैन कार्ड और किसी के नहीं बल्कि ओपनएआई के सीईओ सैम ऑल्‍टमैन और टेस्‍ला व स्पेसएक्स के मालिक एलन मस्क के है।

लोगों को नकली पैन कार्ड बनाने का इतना खूमार चड़ गया है कि इसमें उन्होंने भारत के महान गणितज्ञ आर्यभट्ट तक को भी नहीं छोड़ा। लोगों के लिए ये एक न्या ट्रेंड बन गया है। भले ही ये चीजें मस्ती मजाक के लिए बनाई जा रही है। लेकिन ये एक चिंता का विषय हो सकता है। ये बताता है कि एआई का किस कदर से दुरुपयोग हो रहा है।

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असली कार्ड जैसी दिख रही हैं तस्वीरें

इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक चैटजीपीटी से बनाए जा रहे नकली आधार कार्ड असली कार्ड से काफी मिलते-जुलते है। बस कुछ टेक्स और नंबर की गड़बड़ी है। बाकी अगर कोई पहली नजर में देखेंगा तो असली-नकली में फर्क नहीं बता पाएगा। इस नकली कार्ड बनाने के ट्रेंड ने इंटरनेट पर बहस छेड़ दी। ये एआई रेगुलेशन पर फोकस और सिक्योरिटी रिस्क की जरूरत का महसूस कराता है।

सोशल मीडिया पर एक यूजर ने कहा, ”चैटजीपीटी फटाफट फेक आधार और पैन कार्ड बना रहा है, जो एक सीरियस सिक्योरिटी रिस्क है। एआई का इस्तेमाल एक हद तक होना चाहिए।”

असली कार्ड की पहचान कैसे करें?

भारत सरकार द्वारा हर नागरिक को आधार कार्ड एक पहचान पत्र के तौर पर जारी किया जाता है। इस कार्ड में हर एक इंसान का 12 अंकों का एक विशिष्ट संख्या होती है। ये व्यक्ति के biometric और demographic data से जुड़ा होता है। जिसमें व्यक्ति की तस्वीर, नाम, जन्म तिथि, लिंग, पता और उंगलियों के निशान शामिल हैं।

पैन कार्ड में भी एक खास 10 अंकों का यूनिक कोड होता है, जो हर व्यक्ति के लिए अलग होता है। इसके अलावा, पैन और आधार कार्ड की जानकारी को क्यूआर कोड के ज़रिए वेरिफाई किया जा सकता है। क्योंकि इसमें डाटा एन्क्रिप्टेड होता है, इसलिए इसे स्कैन करने के लिए खास सर्टिफाइड स्कैनर की जरूरत होती है। इसका मतलब ये है कि केवल अधिकृत संस्थाएं ही पैन कार्ड का सही और सुरक्षित वेरिफिकेशन कर सकती हैं।

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