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सालों बाद भी दुर्गम से सुगम में नहीं जा पाएंगे, विभाग के इस फॉर्मूले से 13 हजार शिक्षक रह जाएंगे पहाड़ों पर

Yogita Bisht
3 Min Read
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उत्तराखंड में शिक्षकों के तबादले को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है। अब प्रदेश में शिक्षकों के तबादलों के लिए विभाग की ओर से इस साल एक फॉर्मूला बनाया गया है। जिस से अब सालों दुर्गम क्षेत्र में रहने के बाद भी 13 हजार शिक्षक पहाड़ों से नहीं उतर पाएंगे।

विभाग ने किया शिक्षकों के तबादलों का फॉर्मूला तय

शिक्षा विभाग ने इस साल शिक्षकों के तबदले के लिए एक फॉर्मूला तय किया है। इस फॉर्मूले के तहत अगर तबादले हुए तो पिछले 10 से 15 साल से पहाड़ पर सेवा दे रहे 13 हजार से ज्यादा शिक्षक सुगम क्षेत्र में नहीं आ पाएंगे। इस फॉर्मूले शिक्षकों को तबादले के लिए तीन अलग-अलग श्रेणी में बांटा गया है।

विभाग ने लिस्ट की तैयार

शिक्षा विभाग ने दुर्गम से सुगम में अनिवार्य तबादलों के लिए 10 वर्ष से ज्यादा की दुर्गम में सेवा कर चुके प्रवक्ता और सहायक अध्यापक एलटी की सूची तैयार की गई है। इसी तरह विभाग ने 15 वर्ष से अधिक और 18 वर्ष से अधिक समय से पहाड़ पर कार्यरत शिक्षकों की भी लिस्ट तैयार कर ली है।

15 प्रतिशत शिक्षकों के ही होंगे तबादले

मिली जानकारी के मुताबिक इस सूची में शामिल शिक्षक ट्रांसफर के पात्र हैं। लेकिन इस लिस्ट में शामिल शिक्षकों में से केलव 15 प्रतिशत शिक्षकों के तबादले होंगे। गंभीर बीमार और पारस्परिक तबादले वाले शिक्षक 15 प्रतिशत के दायरे में नहीं आएंगे। इन शिक्षकों के इससे अलग तबादले होंगे।

2313 शिक्षकों के ही सुगम में होंगे ट्रांसफर

तबादला एक्ट के तहत प्रदेश में तीन साल की सेवा वाले शिक्षक ट्रांसफर के लिए पात्र हैं। जबकि चार साल या इससे अधिक समय से सुगम में तैनात शिक्षकों को तबादलों के लिए पात्र शिक्षकों की सूची में शामिल किया जाना चाहिए था। लेकिन विभाग ने ऐसा ना कर के 10, 15 और 18 साल वाले शिक्षकों की सूची तैयार की है।

इस सूची में से केवल 15 प्रतिशत शिक्षकों के तबादलों की बात की जा रही है। विभाग के इस फॉर्मूले के बाद अब प्रदेश में केवल 2313 शिक्षक ही पहाड़ों से उतर कर मैदानों में आ पाएंगे। जबकि सुगम से दुर्गम में केवल 365 शिक्षक जाएंगे।

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योगिता बिष्ट उत्तराखंड की युवा पत्रकार हैं और राजनीतिक और सामाजिक हलचलों पर पैनी नजर रखती हैंं। योगिता को डिजिटल मीडिया में कंटेंट क्रिएशन का खासा अनुभव है।