Big News : जोशीमठ। आपदा के एक महीने बाद भी पीड़ित लगाए बैठे हैं आस, कब तक होगा पुर्नवास - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

जोशीमठ। आपदा के एक महीने बाद भी पीड़ित लगाए बैठे हैं आस, कब तक होगा पुर्नवास

Yogita Bisht
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JOSHIMATH PHOTOS
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जोशीमठ आपदा के एक महीने के बाद भी आपदा पीड़ितों की अब तक पुर्नवास की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है। आपदा पीड़ित सरकार से आस लगाए बैठे हैं लेकिन जोशीमठ को लेकर अब सभी के मन कई सवाल उठने लगे हैं।

सबसे बड़ा सवाल विस्थापितों के पुनर्वास का है। विस्थापितों का पूरी तरह से पुर्नवास कब और कहां होखगा? आखिर कब सरकार निर्माण कार्य शुरू करवाएगी और सबसे महत्वपूर्ण बात ये कि सरकार कब इस भू-धंसाव के कारणों का पता लगा पाएगी? अधिकारी भले ही अपने स्तर से दावे कर रहें हों लेकिन जनता को संतुष्ट करना फिलहाल मुश्किल ही दिख रहा है। कई बार अधिकारियों के दावों में स्पष्टता की कमी भी लोगों को संशय में डाल रही है। ऐसे में सवालों का उठना लाजमी है। हालांकि सरकार ने एहतियातन कई कदम उठाए लेकिन अब औली में विंटर गेम्स की शुरुआत करने की बात सामने आने के बाद फिर सवाल उठ रहा है कि प्रभावित लोगों को कब विस्थापित किया जाएगा और कहां।

क्या जोशीमठ में लगाए गए सभी प्रतिबंध हटा लिए जाएंगे

जोशीमठ आपदा से ज्यादा नुकसान ना हो इसलिए सरकार ने एतिहातन एनटीपीसी के कार्यों पर रोक लगा दी थी। इसके साथ ही सरकार ने जोशीमठ में होने वाले किसी भी प्रकार के निर्माण कार्य पर, औली में होने वाले विंटर गेम्स और जोशीमठ में पर्यटकों की आवाजाही पर भी रोक लगा दी थी। लेकिन अब औली में होने वाले विंटर गेम्स की नई तिथि को घोषित कर दिया गया है। सराकर का कहना है कि इसका मकसद ‘SAFE AULI’ का संदेश देना है। औली में विंटर गोम्स के ऐलान के बाद लोगों के जहन में यही सवाल उठ रहा है कि तो क्या अब जोशीमठ में लगाए गए सभी प्रतिबंधों को हटा लिया जाएगा या फिर अभी प्रतिबंधों को जारी रखा जाएगा।

आपदा प्रभावितों को कब तक राहत शिविरों में रहना पड़ेगा

जोशीमठ आपदा में 248 प्रभावित परिवारों को अस्थायी रूप से विस्थापित किया गया है। जबकि 41 परिवार ऐसे हैं जो अब भी अपने किसी रिश्तेदार या फिर किराए के मकानों में रह रहे हैं। ऐसे में सवाल ये उठता है कि आपदा प्रभावित कब तक राहत शिविरों में ही रहेंगे। आपदा प्रभावित को कब विस्थापित किया जाएगा और कब सरकार उनके लिए कोई फैसला लेती है।

भू-धंसाव को बाद दरारों से आ रहे पानी का रहस्य कब होगा उजागर

भू-धंसाव ने तो सबको हैरान किया ही था लोकिन उसका कारण ये बताया गया कि जोशीमठ ग्लेशियर द्वारा लायी गई मिट्टी पर बसा हुआ है जो कि ज्यादा भार सहन नहीं कर सकती है। इसके साथ ही ऐसे इलाकों में ज्याद निर्माण कार्य किए गए जिस कारण भू-धंसाव शुरू हो गया। लेकिन परेशानी तो तब बढ़ गई जब इन दरारों से पानी आने लगा और इसके कारणों का पता भी नहीं लग पाया। हालांकि वैज्ञानिकों की टीम इस बात का पता लगाने में जुटी हुई है लेकिन आपदा का एक महीना गुजर जाने के बाद भी इसका रहस्य उजागर ना होने के कारण कई सवाल खड़े हो रहे हैं।

कब खत्म होगा अंतिम रिपोर्ट का इंतजार

केंद्रीय गृह सचिव की अध्यक्षता में दिल्ली में शनिवार को बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में जोशीमठ पर तकनीकी संस्थाओं द्वारा दी गई रिपोर्ट पर चर्चा की गई। लेकिन ये बैठक चर्चा का विषय इसलिए बन गयी क्योंकि बताया जा रहा है कि इस बैठक में उत्तराखंड आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और ना ही उत्तराखंड सरकार के किसी मंत्री को शामिल किया गया था। इतनी महत्वपूर्ण बैठक में इन्हें शामिल ना करना फिर कई सवाल उठाता है। ऐसा लगता है कि फाइनल रिपोर्ट के लिए अभी और इंतजार करना पड़ सकता है।

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योगिता बिष्ट उत्तराखंड की युवा पत्रकार हैं और राजनीतिक और सामाजिक हलचलों पर पैनी नजर रखती हैंं। योगिता को डिजिटल मीडिया में कंटेंट क्रिएशन का खासा अनुभव है।