नैनीताल: कॉर्बेट नेशनल पार्क में अतिक्रमण पर हाईकोर्ट ने खुद संज्ञान लिया है। मीडिया रिपोर्ट का आधार मानकर हाईकोर्ट ने मामले में पार्क प्रशासन और सरकार से जवाब मांगा है। कोर्ट ने प्रमुख वन संरक्षक, निदेशक CTR, वार्डन सीटीआर को नोटिस जारी कर 8 नवंबर तक जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने पूछा है कि NTCA की ओर से गठित कमेटी की सिफारिशों पर अब तक क्या अमल किया गया है।
कोर्ट ने जनहित याचिका दाखिल की गई है। जिसमें कहा गया है कि CTR में बड़े पैमाने पर अतिक्रमण कर जैव विविधता को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। इससे वन्य जीवों के प्राकृतिक विचरण में खलल पैदा हो रहा है। याचिका में यह भी कहा गया है कि एनटीसीए ने इस मामले में कमेटी बनाई थी। कमेटी ने दौरा कर रिपोर्ट दी थी। रिपोर्ट की सिफारिशों पर अब तक अमल नहीं किया गया है।
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान व न्यायमूर्ति एनएस धानिक की खंडपीठ में सुनवाई के दौरान मुख्य स्थाई अधिवक्ता चंद्रशेखर रावत ने बताया कि सरकार रिपोर्ट पर पहले से जांच कर रही है। कोर्ट ने पूछा कि किन किन इलाकों में अतिक्रमण किया गया है। याचिका में भारत सरकार, वन्य जीव सलाहकार बोर्ड, मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक, डीएफओ, सचिव वन एवं पर्यावरण समेत अन्य को पक्षकार बनाया गया है।