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उत्तराखंड के सबसे बड़े रानीखेत कैंट के चुनाव टले, बोर्ड के हाथों में ही रहेगी कमान

Yogita Bisht
2 Min Read
रानीखेत कैंट

उत्तराखंड के सबसे बड़े कैंट रानीखेत कैंट समेत देश की सभी 56 छावनियों के चुनाव टल गए हैं। फिलहाल वैरी बोर्ड के हाथों में ही इनकी कमान रहेगी। यानी कि इस बार भी देश में छावनी परिषदों के चुनाव नहीं होंगे।

उत्तराखंड के सबसे बड़े रानीखेत कैंट के चुनाव टले

उत्तराखंड के सबसे बड़े रानीखेत कैंट के साथ ही देश की सभी 56 छावनियों में इस बार चुनाव नहीं होंगे। देशभर में सभी 56 छावनियों के वैरी बोर्ड का कार्यकाल रक्षा मंत्रालय ने एक साल के लिए और बढ़ा दिया है। जिसके चलते इस साल भी छावनी परिषद के चुनाव नहीं होंगे।

नामित सदस्यों का कार्यकाल खुद से बढ़ा

छावनियों के वैरी बोर्ड का कार्यकाल एक साल तक बढ़ने के बाद अब नागरिक हितों में निर्णय, समस्याओं की सुनवाई व समाधान के साथ ही विकास से संबंधित काम तीन सदस्यीय वैरी बोर्ड ही करेगी। वैरी बोर्ड का कार्यकाल बढ़ने से नागरिकों के प्रतिनिधित्व को पूर्व में नामित सदस्यों का कार्यकाल खुद ही बढ़ गया है।

फरवरी 2021 में ही कार्यकाल हो गया था समाप्त

बता दें कि साल 2021 में फरवरी के महीने में उत्तराखंड के नौ कैंट बोर्ड समेत देशभर के 56 छावनी परिषदों के निर्वाचित सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हो गया था। इसके बाद चुनाव ना होने तक रक्षा मंत्रालय ने नई व्यवस्था लागू कर दी। इसके मुताबिक जब तक नए बोर्ड के गठन को उपाध्यक्ष समेत वार्ड सदस्यों का चुनाव नहीं होता तब तक कैंट की कमान वैरी बाेर्ड के हाथ में ही रहेगी। तब से चुनाव होने के कारण लगातार चुनाव टल रहे हैं और कमान वैरी बोर्ड के ही हाथों में हैं।

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योगिता बिष्ट उत्तराखंड की युवा पत्रकार हैं और राजनीतिक और सामाजिक हलचलों पर पैनी नजर रखती हैंं। योगिता को डिजिटल मीडिया में कंटेंट क्रिएशन का खासा अनुभव है।