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डाॅ. रावत ने पेश की मिसाल, रिटायरमेंट के बाद पकड़ी गांव की राह

Reporter Khabar Uttarakhand
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Breaking uttarakhand news

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बड़कोट: अक्सर डाॅक्टर गांव से शहरों की राह पकड़ते हैं। शहरों में प्रैक्टिस करते हैं, लेकिन बड़कोट गांव निवासी डाॅ. रामचंद्र सिंह रावत ने इस सबसे अलग मिसाल पेश की है। उन्होंने 27 सालों तक स्वास्थ्य विभाग में अपनी सेवाएं दीं। पिछले 12 सालों से वे दून अस्पताल में बतौर वरिष्ठ सर्जन तैनात रहे।

डाॅ. आरसी रावत हाल ही में दून अस्पताल से रिटायरमेंट हुए हैं। रिटायर होने के बाद सीधे अपने गांव बड़कोट पहुंच गए और नगर पालिका बड़कोट में विवेकानंद ट्रस्ट के अस्पताल में सेवाएं देने पहुंच गए। डाॅ. आरसी रावत के यहां तैनाती से लोगों को बड़ा लाभ मिलने लगा है। अस्पताल में मरीजों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है।

डाॅ.रावत दून अस्पताल में रहते हुए अपने डाॅक्टरी के हुनर से लोगों को ठीक करते ही थे। जब भी किसी को उनकी जरूरत होती, वो लोगों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहते थे। अस्पताल में किसी भी तरह की दिक्कत होने पर लोग उन्हीं को फोन करते और वो लोगों की बात को केवल सहजता से सुनते ही नहीं, समस्या का समाधान भी करते थे।

डाॅ.रावत ने बताया कि कोरोना काल में लोगों को देहरादून जैसे शहरों में इलाज में दिक्कतें आ रही हैं। इसलिए उन्होंने तय किया कि छोटे-छोटी बीमारियों के लिए लोगों को देहरादून ना जाना पड़े। उन्होंने बताया कि पहाड़ में खासकर बड़कोट और आसपास के क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण नहीं हुआ है। इलाज के लिए देहरादून जाने की स्थिति में कोरोना का खतरा भी बढ़ जाता है। उससे लोगों को बचाने के लिए वे बड़कोट चले आए।

उन्होंने बताया कि छोटे आप्रेशन के लिए लोगों को देहरादून या फिर दूसरे शहरों में जाना पड़ता है। इससे लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। जब तक यहां रहेंगे, जो भी संभव होगा, उन आप्रेशन को यहीं करंगे। इसके लिए व्यवस्थाएं भी कर ली गई हैं। इसका सीधा लाभ लोगों को मिलेगा।

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