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उत्तराखंड 2022 की बिसात : BJP-कांग्रेस में सीधा मुकाबला, इस सीट पर किसको मिलेगी जीत

Reporter Khabar Uttarakhand
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# Uttarakhand Assembly Elections 2022

# Uttarakhand Assembly Elections 2022

अल्मोड़ा: चुनाव प्रचार का शोर थम गया है। कल वोट डाले जाएंगे। ऐसे में सभी प्रत्याशियों ने पूरा जोर लगाया हुआ है। इस बार कुछ सीटों पर मुकाबला आमने-सामने तो कुछ सीटों पर त्रिकोणीय नजर आ रहा है। अल्मोड़ा जिले के सल्ट सीट पर सीधा मुकाबला भाजपा-कांग्रेस के बीच ही है। इस बार किसी भी प्रत्याशी के पक्ष में कोई बयार नहीं है और जनता की खामोशी प्रत्याशियों की मुश्किलें बढ़ा रही है।

भाजपा प्रत्याशी विकास तो कांग्रेस प्रत्याशी पांच वर्षों में विकास न होने की बात कहकर मतदाताओं को अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रहे हैं। सल्ट विधानसभा सीट से भाजपा के महेश जीना विधायक हैं। पार्टी ने उन्हीं पर भरोसा जताते हुए दोबारा चुनाव समर में उतारा है। दूसरी ओर 2017 के चुनाव और इस सीट पर हुए उपचुनाव में हार का मुंह देख चुकी कांग्रेस ने इस बार रणजीत सिंह रावत पर दांव लगाया है।

रणजी रावत ने वर्ष 2017 का चुनाव रामनगर विधानसभा सीट से लड़ा था और उनको हार का मुंह देखना पड़ा था। इसके बाद भी रावत पांच वर्षों से रामनगर में ही डटे हुए थे। सल्ट में उनकी विरासत उनके बेटे विक्रम रावत संभाल रहे थे। ब्लॉक प्रमुख होने के साथ ही विक्रम ने क्षेत्र से जुड़े रहने की कोशिश की। 2022 के चुनाव में कांग्रेस में बदले अंदरूनी समीकरण के कारण रणजीत को रामनगर की जगह सल्ट सीट से मैदान में उतार गया।

पांच वर्ष बाद रावत एक बार फिर से जनता के बीच हैं। रावत पांच वर्षों में बेरोजगारी, बदहाल सड़कें और महंगाई का मुद्दा उछाल रहे हैं। साथ ही मेक इन इंडिया, बुलेट ट्रेन और 15-15 लाख रुपये खाते में आने के केंद्र सरकार के वादे को लेकर भी निशाना साध रहे हैं। दूसरी ओर महेश जीना पांच वर्षों में किए गए विकास कार्यों की दुहाई दे रहे हैं। जनता को बता रहे हैं कि कोविड कॉल में क्या-क्या किया। कितने करोड़ की योजनाएं राज्य सरकार से स्वीकृत कराईं।

कुछ योजनाओं का काम पूरा हो चुका है तो कुछ का होना शेष है। लोगों को बता रहे हैं कि सड़कों का जाल बिछाया गया है। महेश जीना अपने छोटे भाई स्वर्गीय सुरेंद्र सिंह जीना के कार्यकाल में हुए काम गिना रहे हैं और लोगों की मदद की बात भी कर रहे हैं। लोगों को याद दिला रहे हैं कि जरूरत पड़ने पर वह लोगों के साथ हमेशा खड़े रहे। बहरहाल दोनों ही प्रत्याशी विकास के दावों के बीच जनता के बीच हैं, साथ ही जातीय समीकरण भी साधने में जुटे हैं।

आम आदमी पार्टी के सुरेश बिष्ट दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल की उपलब्धियों के सहारे नैय्या खे रहे हैं। वह भाजपा-कांग्रेस को कोसने के साथ ही राज्य में शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी की पर्याप्त व्यवस्था और रोजगार के नए अवसर तलाशने का लोगों से वादा कर रहे हैं। इनके अलावा बसपा के भोले आर्या, सपा के भूपेंद्र सिंह, यूकेडी के राकेश कुमार गोस्वामी, उपपा के जगदीश चंद्र, निर्दलीय ललित मोहन सिंह और सुरेंद्र सिंह भी चुनावी मैदान में हैं।

वर्ष 2002 और 2007 में सल्ट विधानसभा सीट से रणजीत सिंह रावत विधायक रहे। 2012 के चुनाव में रणजीत को शिकस्त दे सुरेंद्र सिंह जीना विधायक बने। वर्ष 2017 के चुनाव में भी सुरेंद्र ही विधायक चुने गए। सुरेंद्र के निधन के बाद 2021 के उपचुनाव में उनके भाई महेश जीना को जनता ने विधानसभा में पहुंचाया।

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