Big News : अब आसान भाषा पढ़ेगी पुलिस, IPC और CRPC से हटाए जाएंगे 160 साल पुराने उर्दू के कठिन शब्द - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

अब आसान भाषा पढ़ेगी पुलिस, IPC और CRPC से हटाए जाएंगे 160 साल पुराने उर्दू के कठिन शब्द

Yogita Bisht
2 Min Read
UK POLICE

प्रदेश में अब पुलिस आसान भाषा पढ़ेगी। आईपीसी और सीआरपीसी से 160 साल पुराने उर्दू के कठिन शब्दों को हटाया जा रहा है। जिसके बाद पुलिस आम बोलचाल के शब्द प्रयोग में लाएगी।

IPC और CRPC से हटाए जाएंगे पुराने उर्दू के कठिन शब्द

रोजनामचा, गुनाहे किताब जैसे कई उर्दू के प्रचलन से बाहर हो चुके हैं। ऐसे ही कई 160 साल पुराने कठिन शब्दों को आईपीसी और सीआरपीसी से हटाया जाएगा। पुलिस प्रशिक्षण के लिए 160 साल पुरानी इस शब्दावली की जगह पर अब हिंदी के आसान और बोलचाल में इस्तेमाल किए जाने वाले शब्दों का प्रयोग किया जाएगा।

पुलिस विभाग ने नई किताबें छपवानी की शुरू

पुलिस विभाग ने इसके लिए नई किताबें छपवानी शुरू कर दी हैं। पुलिस का गठन भारत में अंग्रेजी हुकूमत ने साल 1860 में किया था। तभी से आईपीसी में अपराधियों के सजा का प्रावधान है। जबकि पुलिस के अधिकारों के लिए सीआरपीसी पुस्तक को काम में लाया जाता है।

बोलचाल की भाषा से बाहर हो गए हैं कई शब्द

इन पुस्तकों में 1860 में पढ़ी जाने वाली उर्दू का ही प्रयोग किया गया है। जो कि आज भी किया जाता है। हालांकि इनके कुछ नए वर्जन आए जिसमें कुछ शब्दों को हिंदी में लिखा गया। लेकिन ये शब्द भी अब बोलचाल की भाषा से बाहर हो गए हैं।

ऐसे में जब सामान्य पढ़ाई करने के बाद पुलिसकर्मी भर्ती होते हैं तो उन्हें ऐसे शब्द पढ़ने पढ़ते हैं जो शायद उन्होंने कभी सुने भी ना हों। अब पीड़ितों की शिकायतें भी हिंदी में लिखी जाती है। इसी को देखते हुए अब ये कदम उठाया जा रहा है।

इस साल भर्ती हुए पुलिसकर्मी पढ़ेंगे नई किताबें

इस साल भर्ती हुए पुलिसकर्मी नई किताबों से ही पढ़ाई करेंगे। उर्दू के कठिन शब्दों की जगह पर आसान शब्दों को लिखा जा रहा है। बता दें कि नई किताबों को पुलिस ट्रेनिंग स्कूल के साथ-साथ हर पुलिस लाइन में उपलब्ध कराया जाएगा।

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योगिता बिष्ट उत्तराखंड की युवा पत्रकार हैं और राजनीतिक और सामाजिक हलचलों पर पैनी नजर रखती हैंं। योगिता को डिजिटल मीडिया में कंटेंट क्रिएशन का खासा अनुभव है।