Dehradun : DG अशोक कुमार ने समझी संतरी की पीड़ा, कहा- पुलिस का हो या फौज का, ड्यूटी बड़ी कठिन - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

DG अशोक कुमार ने समझी संतरी की पीड़ा, कहा- पुलिस का हो या फौज का, ड्यूटी बड़ी कठिन

Reporter Khabar Uttarakhand
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देहरादून : खाकी में इसान…जी हां खाकी वाला भी इंसान है। खाकी वाले का भी दिल है जो धड़कता है। खाकी वाले का भी परिवार है जिनसे मिलने की इच्छी खाकी पहनने वाले की होती है। और जब बात हो संतरी की तो संतरी का काम बड़ा कठिन है। कई घंटों तक गर्मी और सर्दी के समय भारी भरकम रायफल लेकर खड़े रहना हर किसी के बसकी बात नहीं। कई मौके ऐसे होते हैं कि संतरी टस से मस नहीं हो सकता है। गर्मी में चाहे कितना भी पसीना आए लेकिन हाथ से रायफल नहीं छूटनी चाहिए और ड्यूटी के दौरान हर किसी पर पैनी नजर संतरी की होती है। वहीं  खाकी के पीछे का दर्द समझा डीजी अशोक कुमार ने.

जी हां ये दर्द पीड़ा बयां की उत्तराखंड के डीजी अशोक कुमार ने अपनी किताब खाकी में इंसान में…डीजी ने खाकी के और संतरी की पीड़ा को कलम के जरिए किताब पर बयां किया औऱ लोगों तक पहुंचा।या इसमे डीजी अशोक कुमार ने कहा कि संतरी चाहे पुलिस का हो या फौज का या फिर पैरामिलिट्री का, उसकी ड्यूटी बड़ी कठिन होती है । देखिए कैसे एक संवेदनशील IPS अधिकारी ने जानी एक संतरी की पीड़ा। हमेशा वर्दी का और वर्दी वाले का सम्मान करों. जय हिंद

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