G20 Summit 2023: जी20 सम्मलेन में दिखी उत्तराखंड की संस्कृति

G20 Summit 2023: जी20 सम्मलेन में दिखी उत्तराखंड की संस्कृति, उप्रेती बहनों ने बिखेरा अपने सुरों का जादू

Sakshi Chhamalwan
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G20 SUMMIT जी-20 समिट में दिखी उत्तराखंड की संस्कृति

G20 summit 2023 venue: दिल्ली में हो रहे दो दिवसीय जी-20 सम्मलेन का आज दूसरा दिन है। ये कार्यक्रम प्रगति मैदान में बने Bharat mandapam में हो रहा है। इस सम्मलेन में शामिल होने के लिए दुनियाभर के दिग्गज नेता भारत पहुंचे हैं।

बीते शनिवार को उत्तराखंड की दो सगी बहनों ने प्रसिद्ध झोड़े खोल दे माता खोल भवानी के माध्यम से उत्तराखंड की लोक संस्कृति को विश्व पटल तक पहुंचाया।

उप्रेती बहनों ने तीनों बोलियों में गाए लोकगीत

दोनों उप्रेती बहने कुमाऊं के पिथौरागढ़ जिले के छोटे से गांव हुड़ेती की रहने वाली है। दोनों बहनों को उत्तराखंड की स्वरागिनी के नाम से भी जाना जाता है। सोशल मीडिया पर उप्रेती बहनों के नाम से जानी जाने वाली ज्योति उप्रेती सती और नीरजा उप्रेती ने दिल्ली में g20 summit 2023 venue के दौरान आकाशवाणी सभागार में कई राष्ट्राध्यक्षों के सामने उत्तराखंड की तीनों बोलियां गढ़वाली, कुमाऊंनी और जौनसारी में लोक गीत गाए।

उत्तराखंड की लोक संस्कृति को विश्व पटल पर दर्शाया

दोनों बहनों ने देवी भवानी दैंणि होया, पंचदेव रक्षा करिया ब्रह्मा, सिद्धि करिया गणेश, विष्णु, महेश, गोरी गंगा भागीरथी को क्ये भलो रिवाड़ा भी गाया। उन्होंने चार धाम, पंचकेदार, नंदादेवी, पंचाचूली, भगवती बाराही, सुरकंडा देवी, राजराजेश्वरी, माता भवानी को याद किया। इसके साथ ही प्रदेश में बहने वाली धौलीगंगा, गोरीगंगा नदी की महत्ता का भी बखान किया।

प्रसिद्ध गायिका लता मंगेशकर के गीत गाए

दोनों उप्रेती बहनों ने प्रसिद्ध गायिका लता मंगेशकर के गाए गीत मन भरमै ग्ये, छ्विं लगै ग्ये, म्येरि सुध बुध ख्वे ग्ये, सुणि तेरी बांसुरी सुर मा सुरि को भी मंच पर गाया। इसके साथ ही जौनसार क्षेत्र के महासू देवता को भी याद किया।

दोनों बहनों की उपलब्धि

बता दें ज्योति उप्रेती ने एमए (संगीत, हिंदी) और संगीत विशारद हैं। ज्योति 15 वर्ष तक गायन के साथ ही संगीत अध्यापिका भी रह चुकी है। वह ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन की एक श्रेणीबद्ध गायिका हैं।

जबकि ज्योति की छोटी बहन नीरजा गायिका के साथ-साथ फिजियोथेरेपिस्ट भी है। नीरजा ज़ी टीवी पर प्रसारित होने वाले भारत के पहले पौराणिक रियलिटी शो स्वर्ण भारत की प्रतियोगी भी रह चुकी है।

उत्तराखंड में जन्म लेने के लिए देवता भी तरसते है: उप्रेती बहनें

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एक इंटरव्यू में उप्रेती बहनों ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड में जन्म लेने के लिए देवता भी तरसते हैं। उनका कहना है कि हमारी संस्कृति हमारा सम्मान है। अपनी विराट संस्कृति और इसकी अनमोल विरासत और परंपराओं पर वह गर्व की अनुभूति करती हैं।

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Sakshi Chhamalwan उत्तराखंड में डिजिटल मीडिया से जुड़ीं युवा पत्रकार हैं। साक्षी टीवी मीडिया का भी अनुभव रखती हैं। मौजूदा वक्त में साक्षी खबरउत्तराखंड.कॉम के साथ जुड़ी हैं। साक्षी उत्तराखंड की राजनीतिक हलचल के साथ साथ, देश, दुनिया, और धर्म जैसी बीट पर काम करती हैं।