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हर घर नल से जल योजना के अंतर्गत करोड़ों का घोटाला, स्थानीय लोगों में भारी रोष

Yogita Bisht
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घोटाला

केंद्र सरकार द्वारा घर-घर नल से जल पहुंचाने के लिए हर घर नल से जल योजना चलाई जा रही है। लेकिन उत्तरकाशी जिले के एक गांव के लोगों ने इस योजना में करोड़ों का घोटाला होने के आरोप लगाए हैं। जिसके कारण ग्रामीणों में भारी रोष है। इस मुद्दे को लेकर ग्रामीण छह महीने से धरना दे रहे हैं।

हर घर नल हर घर जल योजना के अंतर्गत करोड़ों का घोटाला

उत्तरकाशी में हर घर नल हर घर जल योजना के अंतर्गत करोड़ों का घोटाला होने के आरोप स्थानीय निवासी लगा रहे हैं। इसके लिए वो उत्तरकाशी जिले में पिछले छः महीनों से धरने पर बैठे हुए हैं। लोगों का कहना है कि इस योजना के तहत कार्यदाई संस्था और ठेकेदारी की मिलीभगत से गांवों तक नल तो पहुंचाए गया लेकिन नल में जल की एक भी बूंद नहीं टपक रही है।

इसके साथ ही अनियमितताएं इतनी है कि कागजों में एक ही परिवार के 5-5 कनेक्शन दिखाए गए हैं। यहां तक कि जो परिवार कई सालों से बाहर रहते हैं उनके नाम का भी कनेक्शन दिया गया है और मरे हुए व्यक्ति का भी कनेक्शन आवंटित किया गया है। लोगों का कहना है कि इस योजना की आड़ में करोड़ों का घोटाला हुआ है।

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छः महीनों से धरने पर बैठे हैं ग्रामीण

उत्तरकाशी जिले में इस मुद्दे को लेकर पिछले छः महीनों से ग्रामीण धरने पर बैठै हैं। धरने पर बैठे हुए ग्रामीणों का कहना है कि इस घोटाले की CBI जांच होनी चाहिए। लोगों का कहना है कि ठेकेदार और कार्यदाई संस्था की मिलीभगत से कुछ लोग हम ग्रामीणों को बेवकूफ बनाकर हमारे विकास का पैसा लेकर देहरादून दिल्ली में आलीशान कोठी बनाकर रह रहे हैं।

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जिलाधिकारी को लेकर लोगों में भारी रोष

जिला अधिकारी के प्रति ग्रामीणों में भारी रोष है। उनका कहना है कि जिला अधिकारी हमारी मांगों को सरकार तक पहुंचाने में नाकाम रहे हैं। इसलिए उन्हें यहां से हटा देना चाहिए। बता दें कि जल जीवन मिशन (जेजेएम) भारत सरकार की एक प्रमुख योजना है। जिसका मकसद साल 2024 तक देश के सभी ग्रामीण परिवारों को नल से पानी उपलब्ध कराना है। इस मिशन की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त, 2019 को की थी।

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योगिता बिष्ट उत्तराखंड की युवा पत्रकार हैं और राजनीतिक और सामाजिक हलचलों पर पैनी नजर रखती हैंं। योगिता को डिजिटल मीडिया में कंटेंट क्रिएशन का खासा अनुभव है।