Big News : जोशीमठ में फिर बढ़ने लगा दरारों का सिलसिला, 5 नए घरों में आई दरारों ने बढ़ाई चिंता - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

जोशीमठ में फिर बढ़ने लगा दरारों का सिलसिला, 5 नए घरों में आई दरारों ने बढ़ाई चिंता

Yogita Bisht
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JOSHIMATH PHOTOS
FILE
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जोशीमठ में दरारों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक बार फिर से जोशीमठ में दरारें बढ़ने लगी हैं। नए घरों में भी दरारें आने से लोगों की और प्रशासन दोनों की चिंता बढ़ गई है। सिर्फ नए घरों में दरारें नहीं आ रही हैं बल्कि ऐसे घर जहां पर पहने से ही दरारें हैं वो भी बढ़ने लगी है। मनोहर बाग और सिंहधार वार्ड में जगह-जगह नई दरारें आने से लोग भयभीत हो गए हैं।

कई जगह सामने आई नई दरारों ने बढ़ाई चिंता

कुछ समय पहले जोशीमठ में दरारें आने का सिलसिला थम गया था। ऐसे लग रहा था कि शायद अब स्थिति में सुधार हो जाए। लेकिन अब फिर से जोशीमठ में जगह-जगह नई दरारें आने से लोग भयभीत हो गए हैं। इन दरारों ने प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है। मनोहर बाग और सिंहधार वार्ड में कई जगहों पर नई दरारें आई हैं। इतना ही नहीं जिन जगहों पर पहले दरारें आईं हुई थी अब वो भी बढ़ने लगी हैं।

5 नए घरों में आई नई दरारें

मनोहर बाग और सिंहधार वार्ड में 5 नए घरों में दरारें आ गई हैंं। जिन्होंने लोगों को खौफजदा कर दिया है। बीते दिनों सरकार लगातार कह रही थी कि जोशीमठ में अब स्थिति सामान्य है। कहीं भी नई दरारें सामने नहीं आयी हैं। लेकिन अब इन दरारों के आने से प्रशासन की भी चिंताए बढ़ गई हैं।

मिली जानकारी के मुताबिक मनोहर बाग में दरारें इस कदर बढ़ गई हैं कि मान सिंह मारतोलिया के मकान के पीछे का रास्ता पूरी तकह से टूट गया है। यहां पर पालिका द्वारा लगाई गई रैलिंग भी टूट कर खेतों में गिरने लगी है। इसके साथ ही इस रास्ते के ऊपर बनाई गई सुरक्षा दीवार में भी दरारें आने लगी हैं। इस दीवार पर आधे फीट से ज्यादा गहरी दरारें आ गई हैं।

भू-धंसाव से सूखने लगे हैं प्राकृतिक जल स्त्रोत

भू-धंसाव से जोशीमठ में प्राकृतिक जल स्त्रोत भी सूखने लगे हैं। जल स्त्रोतों के सूखने से प्रशासन और जनता दोनों की चिंता बढ़ गई है। सालों से बह रहे जल स्त्रोत अचानक से सूखने लगे हैं। अचानक जोशीमठ में प्राकृतिक जल स्त्रोत सूखने से क्षेत्र में पानी की कमी की समस्या बढ़ने लगी है। लोगों को इस बात का डर सता रहा है कि कहीं ऐसा ना हो कि एक एक कर उनके सभी प्राकृतिक संसाधनों पर इस भू-धंसाव का प्भाव पड़ने लगे और उनकी कमी होने लगे।

 

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योगिता बिष्ट उत्तराखंड की युवा पत्रकार हैं और राजनीतिक और सामाजिक हलचलों पर पैनी नजर रखती हैंं। योगिता को डिजिटल मीडिया में कंटेंट क्रिएशन का खासा अनुभव है।