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कोरोना वायरस से चिकन बिक्री में भारी गिरावट, 4 रुपये किलो बिक रहा चिकन

Reporter Khabar Uttarakhand
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Breaking uttarakhand newsकोरोना वायरस का असर अब कारोबार में भी पड़ने लगा है। जी हां सबसे ज्यादा असर पोल्ट्री उद्योग में देखने को मिल रहा है। पोल्ट्री कारोबार में सबसे ज्यादा घाटा चल रहा है। जी हां आपको बता दें कि कोरोना के कहर से चिकन की बिक्री में 80 प्रतिशत तक कमी आ गई है। साथ ही अंडे के रेटों में भारी गिरावट आई है।

लोगों में कोरोना का खौफ, मांस खाने से परहेज

कोरोना के मरीज भारत में भी सामने आए हैं। भारत में 93 से ज्यादा लोगों में कोरोना की पुष्टि हुई है। सोशल मीडिया में खबर चली थी कि चीन में सांप, चमकादड़ और मांस का सेवन करने कोरोना फैला इसी को ध्यान में रखते हुए देश में मांस खाने से लोग परहेज कर रहे हैं। हालांकि इस बारे में पिछले दिनों स्वास्थ्य मंत्रालय ने एडवाइजरी जारी कर चिकन और मांस खाने से कोरोना फैलने से इनकार किया है लेकिन लोगों के दिलों में खौफ बैठा हुआ है।

एशिया की दूसरे नंबर की पोल्ट्री बेल्ट, 3000 करोड़ का नुकसान

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार रायपुररानी क्षेत्र के पोल्ट्री उद्योग को 20 दिन में अब तक करीब 3000 करोड़ रुपये का नुकसान होने की आशंका है। बरवाला रायपुररानी क्षेत्र में स्थित एशिया की दूसरे नंबर की पोल्ट्री बेल्ट है। हरियाणा पोल्ट्री एसोसिएशन के प्रधान दर्शन सिंगला का कहना है कि बरवाला-रायपुररानी क्षेत्र से पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, कोलकाता, बिहार, दिल्ली, असम और उत्तर-प्रदेश सहित कई राज्यों को अंडा और मुर्गी सप्लाई की जाती है।पहले मुर्गी का रेट 50 रुपये किलो था जो अब घटकर 4 रुपये किलो रह गया है। वहीं अंडे का रेट 4 रुपये 80 पैसे से घटकर 2 रुपये 30 पैसे रह गया है। लोग चिकन खाने से बच रहे हैं और अंडे की खरीददारी भी कम हो गई है।

वहीं दुकानदारों का दावा है कि कोरोना वायरस के चलते चिकन की बिक्री में 80 प्रतिशत की कमी आई है। पिछले दिनों स्वास्थ्य मंत्रालय ने एडवाइजरी जारी कर कहा था कि चिकन व अन्य मास के खाने से कोरोना वायरस नहीं फैलता है इसके बावजूद लोग चिकन खाने से बच रहे हैं। इसका असर सीधे पोल्ट्री उद्योग पर पड़ रहा है।

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